नोएडा के बीचोंबीच बनेगा घने जंगल से घिरा 'ब्रह्मसरोवर', बोटिंग से लेकर एम्फीथियेटर तक होंगी कई सुविधाएं
नोएडा के सेक्टर-167 में घने जंगल से घिरा ब्रह्मसरोवर बनने जा रहा है। 29 हेक्टेयर में बनने वाले इस प्रोजेक्ट में 18 हेक्टेयर में घना जंगल 4 हेक्टेयर में सरोवर और 7 हेक्टेयर में मनोरंजन की सुविधा होगी। सरोवर में बोटिंग फूड कोर्ट वाकिंग ट्रैक और एम्फीथिएटर होगा। इसे पीपीपी मॉडल पर बनाया जाएगा और निर्माण लागत करीब 40 करोड़ रुपये होगी।
अवनीश मिश्र, नोएडा। नोएडा सेक्टर-167 में घने जंगल से घिरा ब्रह्मसरोवर बनेगा। उसमें बच्चों संग पूरा परिवार मस्ती कर सकेगा। नोएडा प्राधिकरण ने सलाहकार कंपनी का चयन कर लिया है। कंपनी इस सप्ताह प्राधिकरण के मुख्य कार्यपाल अधिकारी डॉ. लोकेश एम को अपना फाइनल प्रेजेंटेशन देगी। डिजाइन अप्रूव होने पर निर्माण के लिए टेंडर जारी किया जाएगा।
बढ़ाई जाएगी हरियाली
29 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पूरा प्रोजेक्ट तैयार होगा। 18 हेक्टेयर में घना जंगल बनाया जाएगा। उसके बीच में चार हेक्टेयर में सरोवर और सात हेक्टेयर में रिक्रिएशनल एक्टिविटी होगी। उसमें फूड कोर्ट, वाकिंग ट्रैक, एम्फीथियेटर को शामिल किया जाएगा। यहां आने वाले लोगों को प्रकृति के पास होने का आनंद मिलेगा। इसका टिकट होगा या नहीं इस पर बाद में फैसला होगा।
सरोवर में कर सकेंगे बोटिंग
सरोवर के बीच में कमल के आकार का एक फाउंटेन लगाया जाएगा। बोटिंग की व्यवस्था की जाएगी। संचालक कंपनी बोटों की संख्या तय करेगी। सेक्टर-168 में के 150 एमएलडी के दो एसटीपी से सरोवर में शोधित पानी आएगा। इससे भूजल दोहन नहीं करना पड़ेगा। सीवर के पानी का सदुपयोग हो जाएगा।
पीपीपी मॉडल पर होगा तैयार
ब्रह्मसरोवर पब्लिक पार्टनर प्राइवेटशिप (पीपीपी) माडल पर बनाया जाएगा। डिजाइन होने के बाद जो कंपनी इसका निर्माण करेगा संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी उसी की होगी। राजस्व के लिए 30 और 70 प्रतिशत का रेशियो रखा जाएगा। यानी कुल आय का कंपनी को 30 फीसद नोएडा प्राधिकरण को देगी।
निर्माण लागत निकालने के लिए कंपनी यहां फूड कोर्ट, कैफेटेरिया, बोटिंग के अलावा विज्ञापन के राइटस ले सकती है। हालांकि उसे ज्यादा कंस्ट्रक्शन नहीं करने दिया जा सकता। क्योंकि इसका लैंड यूज ग्रीन बेल्ट है।
40 करोड़ किए जाएंगे खर्च
डॉ. लोकेश एम के निर्देश पर सलाहकार कंपनी इस सरोवर का डिजाइन तैयार कर रही है। इसे तरह डिजाइन किया जा रहा है ताकि निर्माण में खर्च होने वाली लागत करीब 40 करोड़ के आसपास ही रहे। फाइनल एप्रूवल के बाद इसका निर्माण शुरू होगा। जिसे छह से आठ महीने में पूरा करना होगा।