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Supertech Twin Tower: सुपरटेक ट्विन टावर का पूरा मलबा आएगा काम, प्लांट में रिसाइकल कर बनेंगी ये चीजें

सुपरटेक ट्विन टावरों (Supertech Twin Tower Demolition) के ध्वस्तीकरण से निकले मलबे को सौ प्रतिशत रिसाइकल किया जाएगा। सीएंडडी प्लांट तक पहुंचने वाले 30 हजार टन मलबे में से कुछ भी ऐसा नहीं बचेगा जिसे डंपिंग साइट में फेंकना पड़े।

By GeetarjunEdited By: Updated: Thu, 01 Sep 2022 10:54 PM (IST)
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परटेक ट्विन टावर का पूरा मलबा आएगा काम, प्लांट में रिसाइकल कर बनाए जाएंगे टाइल्स और कर्व स्टोन

नोएडा [लोकेश चौहान]। सुपरटेक ट्विन टावरों (Supertech Twin Tower Demolition) के ध्वस्तीकरण से निकले मलबे को सौ प्रतिशत रिसाइकल किया जाएगा। सीएंडडी प्लांट तक पहुंचने वाले 30 हजार टन मलबे में से कुछ भी ऐसा नहीं बचेगा, जिसे डंपिंग साइट में फेंकना पड़े।

डस्ट, टाइल्स और कर्व स्टोन बनाने के बाद करीब 1500 टन मलबा बचेगा। इसका प्रयोग लैंडस्केपिंग और स्कल्पचर बनाने में किया जाएगा। वहीं मलबे से जो टाइल्स और कर्व स्टोन बनाए जाएंगे, उनका प्रयोग सुपरटेक की साइट पर प्रस्तावित पार्क को विकसित करने में किए जाने की भी तैयारी है।

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प्रतिदिन 300 टन मलबे का निस्तारण

सेक्टर-80 स्थित सीएंडडी प्लांट के संचालक व पर्यावरण विशेषज्ञ मसूद मलिक ने बताया कि करीब 30 हजार टन मलबे को साइट से प्लांट भेजा जाएगा। यहां सौ प्रतिशत मलबे को रिसाइकल किया जाएगा। एक शिफ्ट में काम होने पर प्रतिदिन 300 टन मलबे का निस्तारण किया जा रहा है।

टाइल्स, कर्व स्टोन, डस्ट बनाया जाएगा

प्लांट को दो शिफ्ट में चलाने पर 600 टन और तीन शिफ्ट में चलाने पर 900 टन मलबे को रिसाइकल कर उसका निस्तारण किया जा सकता है। मलबे का परिवहन प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा। प्लांट में मलबे से टाइल्स, कर्व स्टोन, डस्ट आदि बनाया जाएगा। 30 हजार टन मलबे में 28 हजार 500 टन मलबे का प्रयोग इन उत्पाद को बनाने में किया जाएगा।

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लोगों के हित में होगा मलबे का निस्तारण

करीब 1500 टन मलबा ऐसा होगा, जिसका प्रयोग इन उत्पाद को बनाने में नहीं किया जा सकेगा। मलबे का निस्तारण इस तरह से किया जा रहा है कि इसके रिसाइकल से बनने वाली चीजों का प्रयोग लोगों के हित के लिए किया जाए, जिससे पर्यावरण को भी बेहतर किया जा सके।

बचा मलबा लैडस्केपिंग में होगा प्रयोग

जो 1500 टन मलबा रिसाइकल होने से बच जाएगा, उसका प्रयोग लैडस्केपिंग में किया जा सकता है। इसके अलावा इससे स्कल्पचर व अन्य कलाकृतियां भी बनाई जा सकती है। प्रयास यही है कि सौ प्रतिशत मलबे का निस्तारण प्लांट द्वारा किया जाए और डंपिंग साइट पर कुछ भी न भेजना पड़े।

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