नोएडा में महिला हुई असुरक्षित, तो थाना-चौकी में बजेगी चेतावनी घंटी; 561 जगहों पर लगेंगे 2100 CCTV कैमरे
नोएडा में महिला सुरक्षा और मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत 561 स्थानों पर 2100 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे नाइट विजन और फेस डिटेक्शन से लैस होंगे। कंट्रोल रूम से पुलिस मुख्यालय और संबंधित थाना-चौकी को अलर्ट किया जाएगा। इसके साथ ही थाना-चौकी में भी मॉनिटरिंग स्क्रीन लगाई जाएगी।
कुंदन तिवारी, नोएडा। शहर में सेफ सिटी परियोजना को लॉन्च करने से पहले प्राधिकरण विभिन्न शहर का अध्ययन कर रहा है। इसमें महिला सुरक्षा तंत्र कैसे मजबूत होगा। मॉब लिंचिंग की घटनाओं को शहर में होने से पहले किस प्रकार से रोका जा सकता है।
ऐसे विशेष पहलुओं पर जानकारी जुटाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इन विषय पर सबसे बेहतर काम करने वाले शहर का माडल नोएडा में लागू होगा। यह काम नोएडा प्राधिकरण ने कोलकाता घटना के बाद सेफ सिटी परियोजना में शुरू किया है।
लगेंगे नाइट विजन कैमरे
प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक शहर में सेफ सिटी परियोजना के तहत 561 स्थानों पर अतिरिक्त 2100 सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा। यह कैमरे नाइट विजन व फेस डिटेक्शन कैमरे होंगे, जो इंट्रीग्रेटेड सिक्योरिटी एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइएसटीएमएस) के कैमरों से बिलकुल भिन्न होंगे।
मॉनिटरिंग के लिए अलग से कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। इनका वाहनों के चालान से कोई संबंध नहीं होगा, लेकिन सुरक्षा के तहत वाहनों की नंबर प्लेट व उसमें बैठे लोग भी साफ तौर पर कैमरे की नजर से देखा जा सकेगा। चूंकि बदमाशों का डाटा पुलिस के पास पहले से है।
ऐसे में कोई भी बदमाश यदि इन कैमरों के पास गुजरता है तो उसकी लाइव लोकेशन और पूरा डाटा कंट्रोल रूम में दिखाई देगा। सेफ सिटी के कंट्रोल रूम सीधे पुलिस मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। कोई भी सूचना मिलने पर तत्काल नजदीकी पुलिस स्टेशन, पुलिस चौकी, पीआरवी, डायल-112 को जानकारी दी जा सकेगी।
ऐसे काम करके सिस्टम
इस योजना में अब महिला सुरक्षा और मॉब लिंचिंग फीचर को शामिल किया गया है। यदि सुनसान सड़क या स्थान पर अकेली महिला के ईदगिर्द कई लोग संदिग्ध हालात में दिखेंगे तो कंट्रोल रूम से पुलिस मुख्यालय और संबंधित थाना और चौकी को अलर्ट किया जाएगा।
तत्काल महिला की मदद के लिए सबसे नजदीक वाली पुलिस पहुंचेगी। इसी प्रकार किसी एक जगह यदि भीड़ जमा हो रही है तो कंट्रोल रूम से पुलिस मुख्यालय व स्थानीय पुलिस को अलर्ट किया जाएगा। स्थानीय पुलिस भीड़ के कारणों को जानने के लिए तत्काल मौके पहुंचेगी। स्थिति को अपने नियंत्रण में करेगी।
थाना-चौकी को भी दिया जाएगा एक्सेस
पुलिस कंट्रोल रूम की तर्ज पर थाने-चौकी में भी मानीटरिंग स्क्रीन लगाई जाएगी। इन स्क्रीन को कंट्रोल रूम से एक्सेस भी दिया जाएगा, जो वहां पर दो ही घटनाओं पर अलग-अलग कलर में ब्लिंक करेगा। जरूरत पड़ने पर उस ब्लिंग के जरिए चिह्नित स्थान का वीडियो व फोटो भी स्क्रीन पर आ जाएगा।
सेफ सिटी परियोजना में विभिन्न शहरों के अध्ययन के माध्यम से महिला सुरक्षा तंत्र मजबूत करने और माव लिंचिंग घटनाओं पर अंकुश लगाने जैसे पहलुओं पर जानकारी जुटाई जा रही है।
-राजेश कुमार, उप महाप्रबंधक (विद्युत यांत्रिकी), नोएडा प्राधिकरण।