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Noida Twin Tower ढहाने के बाद सामने आ रहे साइड इफेक्ट, 4 दिन बाद भी फ्लैट में रहना मुश्किल

Noida Supertech Twin Tower Demolish सोसायटी के लोग वाट्सएप ग्रुप में घरों में हुए नुकसान की शिकायत कर रहे हैं। इसके साथ ही एडिफिस व प्राधिकरण पर सवाल उठाते हुए एटीएस विलेज सोसायटी के लोग पर्याप्त दिशा निर्देश व तैयारी नहीं कराने का आरोप लगा रहे हैं।

By Jp YadavEdited By: Updated: Thu, 01 Sep 2022 09:34 AM (IST)
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Noida Twin Tower ढहाने के बाद 4 दिन बाद सामने आए साइड इफेक्ट, लोग लगा रहे नुकसान का आंकलन

नोए़डा [वैभव तिवारी]। दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-93ए स्थित एपेक्स व सियान टावर में हुए धमाके का अधिक असर एमराल्ड कोर्ट में भले ही शुरुआती निरीक्षण में सामने नहीं आया, लेकिन एटीएस विलेज सोसायटी में ध्वस्तीकरण के कारण काफी नुकसान हुआ है।

ध्वस्तीकरण के कारण हुए नुकसान की भरपाई का आश्वासन एडिफिस के अधिकारी दे चुके हैं। ध्वस्तीकरण में इस्तेमाल साढ़े तीन टन विस्फोटक के कारण एटीएस सोसायटी के 20 से अधिक पेड़ों की पत्तियां व पार्क के हैज की झाड़ी गर्म हवा के कारण झुलस गई है।

एटीएस सोसायटी के टावर 6ए में रहने वाली पूनम मुर्तजा बताती है कि घर में सीमेंट की परत जम गई थी। तीन दिनों तक घर की सफाई करा रहे हैं, बावजूद सफाई का कार्य बचा हुआ है। एडिफिस की तरफ से बचाव के लिए कोई पर्याप्त दिशा निर्देश नहीं दिया गया था।

इमारत में दो लेयर की जियो फाइब्रिक टेक्सटाइल लगी हुई थी। सहजन व पपीता का पेड़ घर के परिसर में लगा था। पत्तियां बुरी तरह से झुलस गई थीं। ऊपर के मंजिल में स्थित एक घर में दरवाजा भी ब्लास्ट के बाद प्रेशर से खुल गया था। लोग घर पहुंचे तो सीमेंट की पूरी परत जमा हुई थी। घर में अभी भी धूल से बचने के लिए पास स्थित टावर के लोगों ने सामान ढक रखा है।

उनका कहना है एमराल्ड कोर्ट सोसायटी की तरह एटीएस विलेज सोसायटी में कोई टास्क फोर्स नहीं बनाई गई। हमने ध्वस्तीकरण के दौरान घर छोड़ा तो दस हजार रुपये खर्च करने पड़े। इसके बाद घर आए तो साफ-सफाई में इतने ही पैसे खर्च हो गए। एडिफिस की तरफ से घर में साफ-सफाई कराने की बात से भी मना कर दिया गया, जबकि दोनों टावर हमारी सोसायटी के परिसर में नहीं थे। हम बस सहयोग कर रहे थे। घर को सील करने में भी पैसे खर्च हुए थे।

घर में जमी सीमेंट की परत तो गुस्साए लोग

घर में सीमेंट की परत जमने के कारण लोगों को आफत हो रही है। एटीएस के टावर-6ए में रहने वाली दिव्या बताती है कि फ्लैट का शीशा टूटकर घर में सीमेंट की परत जम गई थी। इसके लिए घर की सफाई करने वाले कामगारों को बुलाया, जिन्हें चार हजार रुपये देने पड़े हैं, लेकिन अब भी घर में धूल जमी हुई है। आफत हो गई है। किचन, बेडरूम हाल सभी जगह से धूल निकल रही है। बालकनी को भी प्लास्टिक सीट से ढकवाया है, जिसमें भी पांच हजार रुपये खर्च हुए हैं।

धूल के साथ ध्वनि प्रदूषण से आफत

धूल के साथ ध्वनि प्रदूषण से आफत हो गई है। खिड़कियों में लोगों ने साउंड प्रूफ शीशे लगवाए हैं। अभी तीन मशीन से मलबा हटाया जा रहा है। बेसमेंट में ध्वस्तीकरण के दिन धूल भरने के कारण पूरी रात सफाई करनी पड़ी थी।

पार्किंग टूटने के कारण बेसमेंट से आवाजाही

एपेक्स व सियान टावर ध्वस्त होने के कारण पूनम मुतर्जा सहित कई अन्य लोगों की पार्किंग की जगह चारदीवारी टूटने से क्षतिग्रस्त हुई है। इसके कारण लोगों को बेसमेंट की पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर आवाजाही कर रहे हैं। लोगों का कहना है ध्वस्तीकरण के दूसरे दिन तक रास्ता प्रभावित था तो घूमकर आवाजाही करनी पड़ रही थी।

टावरों के प्लास्टर में दरार

एटीएस विलेज सोसायटी में दोनों टावर के ध्वस्तीकरण के कारण कई जगह प्लास्टर व छज्जे में दरार आई है। टावर 6, 6ए, सात व आठ में एपेक्स व सियान की तरफ स्थित खिड़की के कई शीशे भी टूटे हुए हैं। लोगों का कहना है कि उनकी सोसायटी में धूल को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी। अगर चारदीवारी के आसपास भी जीयो फाइबर टेक्सटाइल शेड लगाकर लगाई जाती तो घर में इस तरह से धूल नहीं होती, जिसके कारण स्वास्थ्य चुनौती हमारे सामने आ जाती।

धूल से नहाए स्वीमिंग पूल

एटीएस विलेज, पार्श्वनाथ प्रेस्टीज, सिल्वर सिटी सोसायटी के साथ आसपास की अन्य सोसायटियों में बड़े स्वीमिंग पूल है। इसके साथ ही पेंट हाउस में भी स्वीमिंग पूल की व्यवस्था एटीएस विलेज सोसायटी में है। सीमेंट की धूल भरने से लोग स्वीमिंग नहीं कर पा रहे हैं।

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