Noida Wall Collapse: हादसे में बाल-बाल बचे थे दो बच्चे, मजदूर ने कूदकर बचाई थी जान
जिस समय हादसा हुआ कामगार काम समाप्त कर निर्माणाधीन मकान की छत पर रखे ड्रम में भरे पानी से हाथ-पैर साफ कर रहा था। मकान को गिरता देख कामगार ने पड़ोसी की छत पर छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। वहीं निर्माणाधीन मकान के गिरने से सटे एक और मकान में दरार आ गई। हालांकि मकान खाली पड़ा है। ग्रामीणों ने बताया कि मकान महरुद्दीन का है।
अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा। खोदना कलां गांव में शुक्रवार को निर्माणाधीन मकान की भरभराकर दीवार व छत गिरने से हुई तीन बच्चों की मौत व पांच बच्चे गंभीर रूप से घायल होने के मामले में पांच वर्षीय बच्चे हुसैन की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। वह वेंटिलेटर पर है।
पड़ोस के मकान में खेल रहे दो बच्चे बाल-बाल बचे
पीड़ित स्वजन ने बताया कि चिकित्सकों ने सोमवार को वेंटिलेटर हटाकर देखने की बात कही है। जिस समय हादसा हुआ कई और बच्चे भी खेल रहे थे। जो अंधेरा होने पर कुछ देर पहले ही अपने घर चले गए। पड़ोस के मकान में खेल रहे दो बच्चे भी बाल-बाल बचे।
निर्माणाधीन मकान के बिल्कुल सामने आशिफ का मकान है। आशिफ का बेटा व बहन की बेटी अपने आंगन में खेल रहे थे। मकान गिरने के दौरान आशिफ की पत्नी गुलशन ने मकान की दीवार को दरकते देख समय रहते दोनों बच्चों को हटाने के साथ शोर मचा दिया।
महिला का शोर सुनकर मकान में खेल रहे बच्चों ने भी बाहर निकलने की कोशिश की थी, लेकिन तब तक दीवार के साथ निर्माणाधीन मकान की छत भरभराकर गिर चुकी थी। मकान का एक हिस्सा आशिफ के आंगन में उस स्थान पर भी आ गिरा था जहां दोनों बच्चे खेल रहे थे।
स्वजन से मिले कांग्रेसी, दिया आश्वासन
घटना के बाद से पीड़ित स्वजन को ढांढस बंधाने के लिए राजनीतिक दल व सामाजिक संगठनों का जमावड़ा लगा रहा। रविवार को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दीपक चोटीवाला समेत अन्य कांग्रेसी पीड़ित स्वजन से मुलाकात करने पहुंचे। दीपक चोटीवाला ने पीड़ित स्वजन को घायल बच्चों के इलाज का खर्च मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से दिलवाए जाने का आश्वासन दिया है।