Noida News: योगी सरकार की क्या है गिफ्ट डीड योजना, जिससे करोड़पति बन रहे लोग
उत्तर प्रदेश सरकार की गिफ्ट डीड योजना ने शहर के कई बच्चों और करीबी रिश्तेदारों को लखपति और करोड़पति बनाया है। इस संबंध में तीन अगस्त को शासन की ओर से दान विलेख के संबंध में शासनादेश जारी किया गया था। इसका शासनादेश जारी होने के बाद सेक्टर-32ए स्थित निबंधन कार्यालय में गिफ्ट डीड हो रही है। अबतक तीन सब रजिस्ट्रार कार्यालय में 150 गिफ्ट डीड हो चुकी है।
नोएडा, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार की गिफ्ट डीड योजना ने शहर के कई बच्चों और करीबी रिश्तेदारों को लखपति और करोड़पति बनाया है। खून के रिश्ते वाले संबंधियों को अचल संपत्ति तोहफे में देने की इस योजना का अबतक 150 लोगों ने लाभ उठाया है।
घरों में संपत्ति को लेकर किसी तरह का विवाद न रहे। लोग आसानी से अपने रक्त संबंधों में गिफ्ट डीड कर सकें। इस संबंध में तीन अगस्त को शासन की ओर से दान विलेख के संबंध में शासनादेश जारी किया गया था। इसका शासनादेश जारी होने के बाद सेक्टर-32ए स्थित निबंधन कार्यालय में गिफ्ट डीड हो रही है।
सब रजिस्ट्रार कार्यालय में हुई 150 गिफ्ट डीड
अबतक तीन सब रजिस्ट्रार कार्यालय में 150 गिफ्ट डीड हो चुकी है। इसमें ऐसे दान विलेख, जिसमें दाता की ओर से अचल संपत्ति का अंतरण परिवार के सदस्यों बेटा, बेटी, पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्रवधू, सगा भाई, सगे भाई के मृतक होने की दशा में उसकी पत्नी, सगी बहन, पुत्र-पुत्री के पुत्र-पुत्री के पक्ष में करें तो पांच हजार रुपये का अधिकतम स्टांप शुल्क देना होगा। इसके पूर्व परिवार के बीच संपत्ति के बंटवारे पर सात प्रतिशत स्टांप शुल्क लगता था।
घरों में झगड़े रोकने के लिए पिता वसीयत करते थे, लेकिन अधिकांश मामले कोर्ट में पहुंच जाते थे। प्रापर्टी के अनुसार भारी भरकम स्टांप के कारण तमाम पिता अपने जीवित रहते हुए बेटे को संपत्ति नहीं दे पाते थे। भाई-भाई के बीच भी संपत्ति बंटवारे में सात प्रतिशत स्टांप देना पड़ता है। एआइजी स्टांप बीएस वर्मा का कहना है कि जो लोग आर्थिक तंगी के चलते बैनामा करवाने में दस बार सोचते थे, उन्हें इस योजना से काफी लाभ मिला है।
क्या है गिफ्ट डीड
गिफ्ट डीड एक ऐसा दस्तावेज है जिसके जरिये कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से किसी दूसरे व्यक्ति को अपनी चल या अचल संपत्ति को गिफ्ट कर सकता है। यह संपत्ति के मालिक द्वारा बनाए गए वैध वसीयत से अलग होता है। इसके तहत गिफ्ट देने से गिफ्ट तुरंत प्रभावी हो जाता है। इसे लागू कराने के लिए अदालत जाने की भी आवश्यकता नहीं होती है।
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इनकों नहीं मिलेगा इस छूट का लाभ
योजना के तहत एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को उपहार में की गई आवासीय या कृषि संपत्तियां शामिल हैं। इसका लाभ किसी फर्म, कंपनी, ट्रस्ट या संस्थान के दाता या प्राप्तकर्ता को नहीं होगा।
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