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YEIDA: नोएडा यमुना प्राधिकरण ने नियम में किया बड़ा बदलाव, जरूर जान लें नहीं तो...

Yamuna Authority New Update नोएडा यमुना प्राधिकरण ने औद्योगिक सेक्टरों में उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए नियम में बड़ा बदलाव किया है। यह बदलाव उन आवंटियों पर नकेल कसने के लिए किया गया है जो औद्योगिक सेक्टरों में इकाई स्थापित करने से परहेज कर रहे थे। बदलाव का उद्देश्य औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Fri, 11 Oct 2024 10:34 AM (IST)
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Yamuna Authority: यमुना प्राधिकरण ने नियम में बदलाव कर दिया है। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। YEIDA UPDATE औद्योगिक भूखंडों के स्वामित्व में बदलाव को लेकर यमुना प्राधिकरण Yamuna Authority ने नियम में बदलाव कर दिया है। आवंटी को इसकी अनुमति तभी दी जाएगी, जब वह आवंटित भूखंड का मानचित्र स्वीकृत कराकर उस पर निर्माण कार्य शुरू कर देगा।

औद्योगिक सेक्टरों में इकाई स्थापित करने से परहेज कर रहे आवंटियों पर नकेल कसने के लिए प्राधिकरण ने यह नियम लागू किया है। इससे औद्योगिक भूखंडों की खरीद फरोख्त में भी कमी आएगी। यमुना प्राधिकरण सेक्टर 28, 29, 32, 33, 24 व 24ए में औद्योगिक भूखंडों का आवंटन कर चुका है।

एमएसएमई के लिए हुआ भूखंडों का आवंटन

सेक्टर 32, 33 में काफी संख्या में एमएसएमई के लिए भूखंडों का आवंटन हुआ है, लेकिन औद्योगिकीकरण की रफ्तार काफी धीमी है। बाजार में औद्योगिक भूखंडों की बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त के लिए प्राधिकरण को स्वामित्व परिवर्तन, शेयर होल्डिंग में बदलाव, उत्पाद में बदलाव व रक्त संबंध में स्वामित्व में परिवर्तन के आवेदन लगातार मिल रहे हैं। इस कारण भ्रष्टाचार को पैर पसारने का मौका भी मिल रहा है।

प्राधिकरण ने नियम में बदलाव करने का फैसला किया

औद्योगिक सेक्टरों में उद्योगों की स्थापना की रफ्तार को तेज करने के लिए प्राधिकरण ने नियम में बदलाव करने का फैसला किया है। इसके तहत आवंटी की मृत्यु होने की स्थिति में पूर्व की तरह स्वामित्व में बदलाव हो सकेंगे। अन्यथा की स्थिति में आवंटी को स्वामित्व परिवर्तन, शेयर होल्डिंग में बदलाव, उत्पाद में बदलाव व रक्त संबंध में स्वामित्व में के लिए आवंटित भूखंड का मानचित्र स्वीकृत कराने के साथ निर्माण शुरू कराने पर ही प्राधिकरण आवेदन पर विचार करेगा।

इस मामले में यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. अरुणवीर सिंह का कहना है कि औद्योगिक भूखंड के लिए स्वामित्व में बदलाव को बड़ी संख्या में आवेदन मिल रहे हैं। आवंटन की शर्तों का उल्लंघन के कारण औद्योगिक विकास के उद्देश्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। इसलिए नियम में बदलाव किया गया है।

31 आवंटियों का रद हो सकता है भूखंड आवंटन

ग्रेटर नोएडा में मेडिकल डिवाइस पार्क (एमडीपी) के 31 आवंटियों का भूखंड आवंटन रद हो सकता है। भूखंड पर निर्माण शुरू कराने के लिए मानचित्र स्वीकृत न कराने पर प्राधिकरण इन आवंटियों को नोटिस भेजने जा रहा है। तीस दिन में मानचित्र स्वीकृत न कराने पर आवंटन रद हो जाएगा। इसके साथ ही एमडीपी में नए भूखंडों के आवंटन के लिए आवेदनों की जांच को समिति गठित की गई है।

समिति में गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के बायोटेक विभाग के दो प्रोफेसर के अलावा प्राधिकरण के अधिकारी शामिल हैं। आवेदकों की जांच के बाद अगले पंद्रह दिन में भूखंड आवंटन कर दिया जाएगा। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 28 में साढ़े तीन सौ एकड़ में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किया जा रहा है। इसमें इलेक्ट्रानिक्स आधार चिकित्सा उपकरण बनाने की औद्योगिक इकाईयां स्थापित होंगी। केंद्रीय फार्मास्यूटिकल्स विभाग के संयुक्त सचिव आरपी सिंह ने मेडिकल डिवाइस पार्क का दौरा कर निर्माण कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया था।

YEIDA Plot Scheme 2024 यमुना प्राधिकरण मेडिकल डिवाइस पार्क में 284 भूखंड हैं। इसमें से प्राधिकरण अब तक 74 भूखंडों का आवंटन कर चुका है। तीस आवंटियों को रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण की ओर से चेकलिस्ट जारी हो चुकी है। एमडीपी में तीन इकाईयों का निर्माण कार्य चल रहा है। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. अरुणवीर सिंह का कहना है कि मेडिकल डिवाइस पार्क केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसमें भूखंड आवंटन के लिए विशेष नीति अपनाई गई है। औद्योगिक श्रेणी के लिए तय दरों से कम पर भूखंड आवंटित किए गए हैं।

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इसके बावजूद आवंटी इकाई लगाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। 31 आवंटियों को नोटिस भेजा जा राह है। तीस दिन में मानचित्र स्वीकृत कराकर निर्माण शुरू न करने पर उनका आवंटन रद कर दिया जाएगा। मेडिकल डिवाइस पार्क के विकास से रोजगार सृजन के साथ देश में चिकित्सीय उपकरणों की जरूरत को पूरा करने में मदद मिलेगी।

आवेदकों की जांच के लिए समिति गठित

प्राधिकरण ने अगस्त में मेडिकल डिवाइस पार्क के 27 भूखंड की योजना निकाली थी। इस योजना में प्राधिकरण को 59 आवेदन मिले हैं। इन आवेदनों की जांच के लिए समिति गठित की गई है। इसमें गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के बायोटेक विभाग के दो प्रोफेसर व प्राधिकरण के अधिकारी शामिल हैं। आवेदनों की तकनीकी जांच के बाद जो सही पाए जाएंगे, उन आवेदकों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके आधार पर भूखंड आवंटन किया जाएगा।

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