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नोएडा में पानी बिल के बड़े बकायेदारों पर होगी कार्रवाई, चस्पा होगी नोटिस; लिस्ट जारी

नोएडा में पानी बिल के बड़े बकायेदारों पर कार्रवाई होगी। नोएडा प्राधिकरण के जल सीवर विभाग ने इसके लिए 10 बड़े बकायेदारों की लिस्ट जारी की है। इन संपत्तियों पर नोटिस चस्पा किया जाएगा। साथ ही वाटर मीटर लगाने को लेकर बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही शहर में रेनीवेलों में पानी की उपलब्धता में सुधार किया जा रहा है।

By Kundan Tiwari Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 01 Aug 2024 03:01 PM (IST)
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पानी का बिल जमा नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ होगी कार्रवाई। फोटो- जागरण
जागरण संवाददाता, नोएडा। पानी का बिल जमा नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण का जल सीवर विभाग बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। 10 बड़े बकायेदारों की सूची जारी की है, जिसमें सभी संपत्तियों पर नोटिस चस्पा करने का निर्णय लिया गया है।

यह निर्देश सीईओ डा लोकेश एम की अध्यक्षता में बुधवार को कार्यालय पर जल विभाग की आयोजित बैठक में लिया गया। इसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 में निर्धारित जल राजस्व लक्ष्य 150.00 करोड के सापेक्ष अब तक प्राप्त जल राजस्व 79.05 करोड़ रुपये पर संतोष व्यक्त किया गया।

अधिकारियों को दिया नोटिस चस्पा करने का निर्देश 

साथ 37.50 क्यूसेक गंगाजल के शेष कार्य को पूरा करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि जितने भी बड़े बकायेदार है, जिनमें पराग डेरी बी-219 फेज-2, एसडीएस इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, लाजिक्स सिटी डेवलपर, लाजिक्स इंफ्राटेक लिमिटेड, जेएम हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड समेत अन्य की संपत्तियों पर नोटिस चस्पा किया जाए।

यदि पैसा जमा नहीं किया जाता तो लीज डीड की शर्त उल्लंघन के अनुसार कार्रवाई को अंजाम दिया जाए। इस मौके पर महाप्रंधक जल आरपी सिंह ने बताया कि नोएडा में रेनीवेलों में पानी की उपलब्धता में सुधार किया जा रहा है।

सीईओ ने कहा कि कोंडली ड्रेन में गिरने वाले सभी 24 नाले और नालियों का पानी ग्रे और ब्लैक है। एक सप्ताह में सभी का निरीक्षण किया जाए। नीर संस्था की मदद से इनकी साफ-सफाई के लिए नई तकनीक पर काम किया जाए। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के निर्देश दिया गया।

लगाए जाएंगे वाटर मीटर

सेक्टरों में आरडब्ल्यूए के साथ बैठक की जाए। ताकि यहां भी मकानों में वाटर मीटर लगाकर सप्लाई की जा सके। इसके अलावा दर निर्धारण के संबंध में भी बैठक की जाए। जहां भी वाटर मीटर लगे है। वहां किलो लीटर के हिसाब से वर्तमान में जल राजस्व और वाटर मीटर से जनरेट बिल के साथ तुलनात्मक करके दर निर्धारित किया जाए।

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