चुनाव से पहले नोएडा के फ्लैट खरीदारों को तोहफा, शिविर लगाकर दिया जा रहा मालिकाना हक
Noida Home Buyers सालों पहले घर खरीद चुके लोगों की बिल्डर्स और नोएडा अथारिटी के बीच बकाये की वजह से अटकी हुई रजिस्ट्री एक मार्च से शुरू हुई थी। इसका दूसरा शिविर चुनावों से पहले लोगों को फ्लैटों की रजिस्ट्री मिलना किसी तोहफे से कम नहीं है। बुधवार को सेक्टर 6 इन्दिरा गांधी कला केंद्र में विषेश शिविर का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, नोएडा। नोएडा के फ्लैट खरीदारों को लोकसभा चुनाव से पहले घर का मालिकाना हक देने में लगी है। इसी क्रम में बुधवार को सेक्टर 6 इन्दिरा गांधी कला केंद्र में विषेश शिविर का आयोजन किया गया। इसमें सेक्टर 77 एक्सप्रेस जेनिथ सोसाइटी के 60 लोगों को रजिस्ट्री के लिए आमंत्रित किया गया। कई लोग रजिस्ट्री के लिए पहुंचे।
बता दें कि सालों पहले घर खरीद चुके लोगों की बिल्डर्स और नोएडा अथारिटी के बीच बकाये की वजह से अटकी हुई रजिस्ट्री एक मार्च से शुरू हुई थी। इसका दूसरा शिविर चुनावों से पहले लोगों को फ्लैटों की रजिस्ट्री मिलना किसी तोहफे से कम नहीं है। नोएडा प्राधिकण ने पहला रजिस्ट्री कैंप आज सेक्टर-77 में लगाया है।
संसद से लेकर विधानसभा में उठ चुका था यह मामला
लंबे समय से गौतमबुद्धनगर के लोग फ्लैटों की रजिस्ट्री की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे थे। यह मामला संसद से लेकर विधानसभा में भी उठ चुका था। फ्लैट खरीदार संबे समय से 'रजिस्ट्री नहीं तो वोट नहीं' का नारा देते हुए विरोध-प्रदर्शन करते रहे हैं। जिसके बाद शासन ने रजिस्ट्री की समस्या के समाधान के लिए अमिताभ कांत समिति का गठन किया था, जिसने कई सिफारिशें की थीं।
इन सिफारिशों को प्रदेश शासन ने कुछ शर्तों के साथ कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी थी। जिसमें बिल्डरों को जीरो पीरियड का लाभ देते हुए कहा गया था कि उन्हें कुल बकाये का 25 प्रतिशत पैसा प्राधिकरण में जमा करना होगा। जिसके बाद उसी अनुपात में रजिस्ट्री शुरू होंगी।
सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक चला आंदोलन
बायर्स का कहना है की रजिस्ट्री के लिए पिछले चार-पांच सालों से संघर्ष हो रहा था और लोग सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक आंदोलन चला रहे थे। केंद्र और प्रदेश सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए अप्रैल माह में अमिताभकांत समिति का गठन किया।
इस समिति के सुझावों को दिसंबर माह में प्रदेश सरकार की कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद एक मार्च से रजिस्ट्री का क्रम प्रारम्भ हो सका है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरणों का बकाया बिल्डरों पर होने के कारण पिछले पांच सालों से यहां पर विभिन्न प्रोजेक्टों में रजिस्ट्री बंद पड़ी थी और इन प्रोजेक्टों की संख्या लगातार बढ़ रही थी।
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