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नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक चलेगी देश की पहली पॉड टैक्सी, जानिए कितना होगा किराया

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फिल्म सिटी के बीच चलने वाली पॉड टैक्सी का किराया बढ़ाने का अधिकार शासन ने यमुना प्राधिकरण को सौंप दिया है। यमुना प्राधिकरण ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक 14.6 किमी लंबे रूट पर पॉड टैक्सी संचालन की परियोजना तैयार की है। तय किया गया है कि पांच प्रतिशत तक किराये में वार्षिक वृद्धि हो सकेगी।

By Jagran NewsEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Wed, 23 Aug 2023 08:14 PM (IST)
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नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक चलेगी पॉड टैक्सी, जानिए कितना होगा किराया

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फिल्म सिटी के बीच चलने वाली पॉड टैक्सी का किराया बढ़ाने का अधिकार शासन ने यमुना प्राधिकरण को सौंप दिया है। प्राधिकरण की सहमति से वार्षिक पांच प्रतिशत तक किराये में बढ़ोतरी हो सकेगी।

विकासकर्ता चयन के लिए प्राधिकरण ने अपनी वेबसाइट पर निविदा अपलोड कर दी है। तीस अक्टूबर को विकासकर्ता चयन के लिए निविदा खोली जाएगी। यमुना प्राधिकरण ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक 14.6 किमी लंबे रूट पर पॉड टैक्सी संचालन की परियोजना तैयार की है।

641 करोड़ रुपये की है ये परियोजना

641 करोड़ की इस परियोजना में देश विदेश की कंपनियों ने रुचि दिखाते हुए प्री बिड मीटिंग में कुछ पूछताछ की थी। प्राधिकरण ने इन जवाब को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इससे पहले औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने निविदा में संशोधन को मंजूरी दी।

25 अक्टूबर तक निविदा डालने का समय

कंपनियों को 25 अक्टूबर तक निविदा डालने का समय दिया गया है। पॉड का किराया दस रुपये प्रति किमी होगा। जीएसटी अतिरिक्त होगा। प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि किराये में जीएसटी से छूट के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा। इसके साथ ही यह तय हुआ है कि पांच प्रतिशत तक किराये में वार्षिक वृद्धि हो सकेगी।

प्राधिकरण की स्वीकृति के बाद बढ़ाया जा सकेगा किराया

इसके लिए प्राधिकरण की स्वीकृति अनिवार्य होगी। निर्माण कार्य के लिए दो साल व पांच साल का ऋण स्थगन मिलेगा। निविदा में शामिल होने के लिए कंपनी को न्यूनतम पांच साल का तकनीकी अनुभव अनिवार्य है। विकासकर्ता कंपनी को यातायात सर्वे कराने का सुझाव दिया गया है।

परियोजना के लिए जरूरी परमिट दिलाने में प्राधिकरण विकासकर्ता की मदद करेगा। इसके साथ ही परियोजना के मार्ग में आने वाले ढांचे को हटाने की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी। पर्यावरण संबंधी अनापत्ति विकासकर्ता को अपने स्तर से लेनी होगी। विकासकर्ता को परियोजना के लिए 35 साल का लाइसेंस दिया जाएगा।

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