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प्रतिबंध हटा तो नोएडा के इन इलाकों में धड़ाधड़ हो रही रजिस्ट्रियां, आपके पास भी प्रॉपर्टी खरीदने का मौका

नोएडा के हरनंदी और यमुना के डूब क्षेत्र में प्रतिबंध हटने से प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन कराना आसान हो गया है। तीन दिन में रजिस्ट्री की संख्या तीन गुना पहुंच गई है। इन दिनों प्रतिदिन रजिस्ट्री के लिए 300 विक्रेता और खरीदार पहुंच रहे हैं। सब रजिस्ट्रार कार्यालय में शासन स्तर से एक दिन में रजिस्ट्री के लिए 326 स्लॉट दिए गए हैं।

By MOHD Bilal Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 12 Sep 2024 10:55 AM (IST)
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प्रतिबंध हटने के बाद तीन गुना हुईं रजिस्ट्री।

मोहम्मद बिलाल, नोएडा। हरनंदी और यमुना के डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री पर लगा प्रतिबंध हटने से सेक्टर-33 स्थित निबंधन कार्यालय में महज तीन दिन में रजिस्ट्री की संख्या तीन गुना पहुंच गई है। सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक रजिस्ट्री कार्यालय में खरीदारों और विक्रेताओं का ताता लग रहा है।

रजिस्ट्री के लिए लिए जरूरी स्लॉट फुल होने के नजदीक है। हालांकि सब रजिस्ट्रार की ओर से खरीद-बिक्री वाली जमीन के साथ गाटा की खतौनी और खसरे की मूल प्रति के साथ पक्षकार के द्वार मौके पर ली गई जीपीएस की फोटो देखी जा रही है।

यमुना की बाढ़ में डूब गए थे हजारों मकान

जिले में यमुना और हरनंदी की तलहटी तक कृषि भूमि में लोगों ने निर्माण कर रखे है। डूब में कृषि भूमि पर पक्के मकान का निर्माण बाढ़ की स्थिति के दौरान राहत-बचाव कार्य की दृष्टि से चुनौती पूर्ण बनता है। पिछले वर्ष भी हरनंदी और यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद दोनों नदियों से सटे कई गांव में हजारों मकान डूब गए थे।

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इन इलाकों में लगा था रजिस्ट्री पर प्रतिबंध 

हरनंदी से सटी छिजारसी, चोटपुर, युसुफपुर चकशाहबेरी, बहलोलपुर, गढ़ी चौखंडी, हैबतपुर, पर्थला खंजरपुर, सोहरखा जाहिदाबाद, ककाराला, अलीवर्दीपुर, जलपुरा, हल्दौनी, कुलेसरा आदि गांव में रजिस्ट्री रोक लगी थी।

वहीं यमुना के तटबंध के निकट इलाहाबास, कुलेसरा, सुत्याना, शहदरा, लखनावली, बेगमपुर, मुबारकपुर, गुर्जरपुर, झट्टा, बादौली बांगर, तुगलपुर, कोंडली बांगर, सफीपुर, चूहडपुर,मोमनाथल, मोतीपुर, तिलवाड़ा, गढ़ी समस्तीपुर, बादौली खादर, कोंडली खादर, कामबक्शपुर, दोस्तपुर मंगरौली, छपरौली, असदुल्लापुर, ओरंगाबाद, गुलावली, दलेलपुर, याकूतपुर आदि गांव में नदी की तलहटी से सटे इलाकों में कृषि, व्यवसायिक, रिहायशी, औद्योगिक श्रेणी की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध था।

व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा

यमुना की तलहटी से सटे इलाकों में तो अवैध रूप से आवासीय भवन, फार्म हाउस, क्रेशर प्लांट, हाट मिक्स प्लांट, कंक्रीट, रेडी मिक्स प्लांट, बदरपुर सैंड की धुलाई की हौदिया बनाकर व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

अवैध निर्माण को देखते हुए वर्ष-2020 में जिला प्रशासन ने जिला आपदा प्रबंधन कमेटी की बैठक में फैसला होने के बाद इस क्षेत्र की जमीनों की रजिस्ट्री पर रोक लगाई थी। तय किया था कि डूब क्षेत्र की जमीनों की रजिस्ट्री के लिए पहले संबंधित प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा।

रजिस्ट्री के लिए एडीएम के पास करना होगा आवेदन

इसके बाद जुलाई 2024 में व्यवस्था की गई कि रजिस्ट्री के लिए एडीएम के पास आवेदन करना होगा। एडीएम स्तर से प्राधिकरण से रिपोर्ट मांगी जाएगी। 30 दिन में रिपोर्ट नहीं आने पर आवेदन निरस्त मान लिया जाएगा।

स्वीकृति आने पर उसका सत्यापन तहसील और सिंचाई विभाग से होगा, लेकिन पिछले दिनों इस आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। करीब चार साल बाद रजिस्ट्री से रोक हटने से प्रतिदिन 300 से अधिक लोग पहुंच रहे हैं। तीन सब रजिस्ट्रार कार्यालय में शासन स्तर से एक दिन में रजिस्ट्री के लिए 326 स्लॉट दिए गए हैं।

बुधवार को रजिस्ट्री के लिए 320 स्लॉट बुक हुए। जबकि बीते शनिवार तक निबंधन कार्यालय में सब रजिस्ट्रार प्रथम, सब रजिस्ट्रार द्वितीय, सब रजिस्ट्रार तृतीय कार्यालय में महज 100 लोग पहुंचते थे। रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या बढ़ने से विभाग का काम भी बढ़ा है। वहीं रजिस्ट्री कराने के लिए लोगों को समय लग रहा है।

क्या बोले लोग?

हरनंदी से सटे डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री बंद होने से परेशानी हो रही थी। रजिस्ट्री शुरू होने की जानकारी पर कार्यालय पहुंचकर रजिस्ट्री कराई है।   -वीर पाल यादव, सेक्टर-123

प्रतिबंध के कारण प्लाट की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी। जैसे ही इसके शुरू होने की जानकारी हुई रजिस्ट्री के लिए पहुंचे हैं। -धर्मवीर, चारमूर्ति

डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री शुरू हो गई है। शासन और जिला प्रशासन के हर के निर्देश का पालन कराया जाएगा।

-बीएस वर्मा, एआइजी स्टांप

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