Noida News: खुले आसमान के नीचे घुट रहा बच्चों का दम, यमुना की बाढ़ में धंस गई थी स्कूल के कमरों की दीवारें
विद्यालय प्रबंधन समिति के लोगों ने बताया कि स्कूल की हालात बहुत खराब है। कई बार स्कूल की स्थिति से अधिकारियों को भी अवगत कराया गया लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। जब तक हवा खराब रहे तब तक कहीं दूसरी जगह पर बच्चों को पढ़ाया जाए। सबसे बड़ी बात तो यह हैं कि आगंनवाड़ी के दो केंद्र भी स्कूल परिसर में ही संचालित होते है।
तीनों कमरे की दीवारों में आ गई दरार
सांसों के संकट से छात्र जूझ रहे है। सबसे बड़ी बात तो यह हैं कि आगंनवाड़ी के दो केंद्र भी स्कूल परिसर में ही संचालित होते है। नन्हे मुन्ने बच्चों के फेफड़े जहरीली हवा से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे है। जब डाक्टर लोगों को सलाह दे रहे हैं कि इमरजेंसी की दशा में ही बाहर निकले तब स्कूल के करीब 120 छात्रों को सुबह नौ से तीन बजे तक खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ना पड़ रहा है।छोटे बच्चों की आंखों में जलन हो रही है। जिला अस्पताल में 20 फीसदी तक बच्चों में अस्थमा व इंफेक्शन की शिकायत बढ़ गई है। उसके बाद भी विभाग के अधिकारी आंखें बंद किए हुए है।
स्कूल में हुई छात्र संख्या कम
प्रदूषण के बढ़ने से स्कूल की छात्र संख्या में गिरावट आइ है। बच्चों का स्वास्थ्य खराब न हो इसके लिए अभिभावकों ने स्कूल भेजना बंद कर दिया है। शनिवार को करीब 55 बच्चे ही आए। विद्यालय प्रबंधन समिति के लोगों ने बताया कि स्कूल की हालात बहुत खराब है। कई बार स्कूल की स्थिति से अधिकारियों को भी अवगत कराया गया, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। जब तक हवा खराब रहे तब तक कहीं दूसरी जगह पर बच्चों को पढ़ाया जाए।कायाकल्प के तहत स्कूल में कार्य कराएं जाने के लिए यमुना प्राधिकरण से बात की गई है। वहीं दो कंपनियां भी स्कूल का निरीक्षण कर चुकी है। यदि उनसे बात फाइनल हो गई तो नए सत्र में स्कूल को नई इमारत मिल जाएगी। बच्चे खुले आसमान के नीचे न पढ़े इसके लिए दूसरी जगह की तलाश की जा रही है।
- डॉ. यशपाल सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी दनकौर
यमुना प्राधिकरण से नया स्कूल बनवाया जाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की गई है। जब तक हवा की गुणवत्ता सही नहीं हो जाती तब तक उच्च प्राथमिक स्कूल में ही बच्चों को पढ़ाया जाएगा। खुले आसमान के नीचे अब बच्चे नहीं पढ़ेंगे।
धीरेंद्र सिंह, जेवर विधायक