Noida News: स्क्रैप माफिया रवि काना ने जताया खतरा, जेल में हाई सुरक्षा बैरक में रखा गया
रवि काना ने जेल में सुरक्षा को लेकर खतरा जताया है। इसके बाद उसे हाई सुरक्षा बैरक में रखा गया है। रवि व काजल को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ करेगी। पुलिस सात दिन की रिमांड लेना चाह रही है। रिमांड कोर्ट से मिलनी है। कोर्ट सोमवार को खुलेगी। अधिकारियों ने बताया कि रिमांड अर्जी दाखिल कर दी गई है। सोमवार को रिमांड मिलने की उम्मीद है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। स्क्रैप माफिया रवि काना ने जेल में सुरक्षा को लेकर खतरा जताया है। इसे देखते हुए जेल प्रबंधन ने उसे हाई सुरक्षा बैरक में रखा गया है। जेल में किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए जेल प्रशासन भी सतर्क हो गया है।
बैरक की निगरानी सीसीटीवी से की जा रही है। रवि की महिला मित्र काजल को जेल की महिला बैरक में रखा गया है। रविवार को मिलाई बंद होने के कारण उससे मिलने के लिए कोई नहीं पहुंचा।
रवि व सुंदर भाटी गिरोह के बीच है दुश्मनी
रवि के भाई हरेंद्र की 2015 में हत्या हो गई थी। हत्या सुंदर भाटी ने कराई थी। मामले में सुनवाई के बाद सुंदर भाटी, सिंहराज सहित अन्य को न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुना दी थी। रवि काना व सुंदर भाटी गिरोह के बीच रंजिश है।जिला जेल में सुंदर भाटी का भतीजा अनिल भाटी व गिरोह से जुड़े कुछ बदमाश बंद हैं। गिरफ्तार होने के बाद रवि को भी जिला जेल में बंद कर दिया गया है। रवि को जेल लेकर पहुंची पुलिस ने जेल प्रशासन को रवि व सुंदर गिरोह के बीच चल रही दुश्मनी के बारे में बताया।
साथ ही रवि ने भी जेल प्रशासन को बताया कि जेल में सुंदर भाटी गिरोह से उसे खतरा है। इसे देखते हुए जेल प्रशासन के द्वारा पूरी सतर्कता बरती जा रही है। जेलर जेपी तिवारी ने बताया कि सुरक्षा को देखते हुए रवि को हाई सुरक्षा बैरक में रखा गया है। वहां पर अन्य बंदियों का जाना प्रतिबंधित है।
सीसीटीवी से की जा रही बैरक की निगरानी
सुरक्षा में तैनात लोगों को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। बैरक के पास सीसीटीवी लगा है। सीसीटीवी से भी बैरक की निगरानी की जा रही है। ज्ञात हो कि सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होने के बाद रवि अपनी पत्नी मधु व महिला मित्र काजल के साथ थाईलैंड भाग गया था।
पुलिस द्वारा जारी किए गए रेड कार्नर नोटिस व लुक आउट सर्कुलर के कारण वह थाईलैंड में पकड़ा गया था। शुक्रवार सुबह थाईलैंड पुलिस ने रवि व काजल को डिपोर्ट किया था। न्यायालय में पेश करने के बाद पुलिस ने दोनों को जिला जेल भेज दिया था।
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