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फेमस विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने से पहले सावधान, कहीं आप भी न बन जाएं इस गिरोह का शिकार

कोतवाली सेक्टर-113 पुलिस ने भारत और अमेरिका के नामी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिला दिलाने के नाम पर छात्रों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के दो सरगना समेत छल आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में दो युवतियां भी शामिल हैं।50 से अधिक छात्रों के साथ ठगी की जानकारी पुलिस को दी है।

By Gaurav Sharma Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 10 Jun 2024 02:11 PM (IST)
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नामचीन विश्वविद्यालयों में दाखिले के नाम पर ठगने वाले दो सरगना समेत छह गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नोएडा। कोतवाली सेक्टर-113 पुलिस ने देश के नामी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिला दिलाने के नाम पर छात्रों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के दो सरगना समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपितों में दो युवतियां भी शामिल हैं। इनके पास से 5 करोड़ 6 लाख 50 हजार के 61 चेक, 3.90 लाख कैश, दो लैपटाप, 16 मोबाइल फोन, डायरी और प्रपत्र बरामद हुए हैं। डीसीपी विद्या सागर मिश्र ने बताया कि ये लोग छात्रों और उनके स्वजन से व्यापक स्तर पर ठगी करते थे।

विज्ञापन देकर छात्रों को अपने जाल में फंसाते थे शातिर

आरोपितों ने कोतवाली सेक्टर-58 क्षेत्र स्थित एक टावर में अपना कार्यालय बनाया था। सोशल मीडिया पर विज्ञापन देने के बाद गिरोह के शातिर छात्रों को अपने जाल में फंसाते थे। नामी कॉलेज और विश्वविद्यालय में दाखिला दिलाने के नाम पर पीड़ितों से 6 से 10 लाख रुपए तक ठग लेते थे। 100 से अधिक छात्रों के साथ ठगी की जानकारी पुलिस को दी है।

आरोपितों की पहचान बिहार पटना के राहुल कुमार, अनुपम कुमार, महाराष्ट्र नागपुर के दयानंद पांडे उर्फ मोहित, आगरा मनसुखपुरा के सचिन सिंह, गोरखपुर सूरजपुर कॉलोनी की विदुषी लोहिया और झारखंड जमशेदपुर की निकिता उपाध्याय के रूप में हुई है।

उन्होंने बताया कि गिरोह के सरगना राहुल कुमार और अनुपम हैं। ये लोग सोशल मीडिया पर नेक्स्ट एजुकेशन, करियर कार्नर, गुरुकुल एजुकेशन, एजुकेशन कंसल्टेंट, कैरियर प्लान, एडमिशन साथी आदि के माध्यम से विधार्थियों से संपर्क करते थे।

चार लोगों को रखा था नौकरी पर

एमबीबीएस, बीएएमएस, बीडीएस, बीएचएमएस, एमडीएस, फार्मेसी, बीई, बीटेक, एलएलबी, बीएएलएलबी, एमबीए, बीबीए, एमडीएमएस आदि में दाखिला दिलाने का आश्वासन देकर एडमिशन फार्म भरवा लेते थे।

पुलिस के मुताबिक गिरोह के सरगनाओं ने चार लोगों की 40 से 50 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन पर रखा था। अधिकतर धनराशि कैश में लेते थे। जो लोग कैश नहीं दे पाते थे उनसे पोस्ट डेटेड चेक ले लेते थे। इसके अलावा कमीशन पर लोग भी रखे थे। जिन्हें छात्र लाने पर कमीशन मिलता था।