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क्या किस्मत है! कुत्ते के लिए खर्च किए 12 लाख, हवाई जहाज से ले गया कनाडा; दिल छू जाएगी पूरी कहानी

Noida News स्नो वो कुत्ता जो सड़कों पर घूमता था अब कनाडा में अपने नए घर में है। कनाडा के एक व्यक्ति ने स्नो को गोद लिया और उसे अपने साथ ले गया। वह हवाई जहाज से स्नो को कनाडा ले गया है। फरवरी में स्नो को जयपुर में एक अमेरिकी पर्यटक ने घायल अवस्था में पाया था। नोएडा की एक युवती उसे अपने साथ ले आई थी।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Thu, 14 Nov 2024 01:51 PM (IST)
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स्नो (कुत्ते) का नया घर अब कनाडा में है। फाइल फोटो
जागरण संवादाता, नोएडा। सड़क पर घूमने वाले स्नो (कुत्ते) का नया घर अब कनाडा में है। कनाडा के एक व्यक्ति ने स्नो को गोद ले लिया है और अपने साथ ले गया। फरवरी माह में स्नो अमेरिका की एक पर्यटक को जयपुर में घायलावस्था में मिला था।

अपने साथ ले आई थी नोएडा की युवती

सूचना पर नोएडा की एक युवती उसको अपने साथ ले आईं। दिल्ली में इलाज कराया और अब उसको कनाडा के एक व्यक्ति ने गोद ले लिया है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित एवेन्यू 11 सोसायटी की निवासी रुप्सा मुखर्जी एक आईटी कंपनी में एचआर हैं। वह सड़क पर घूमने वाले कुत्तों को बचाकर उनको गोद दिलाने का काम करती हैं।

घायल अवस्था में मिला था स्नो

उन्होंने बताया कि फरवरी माह में अमेरिका की पर्यटक यूमी को अमेरिका में 20 दिन का स्नो एक कचरे के पास घायल अवस्था में मिला था। उन्होंने सोशल मीडिया से मुझसे संपर्क किया। कुत्ते को जयपुर से इलाज के लिए दिल्ली ले आए।

स्नो के लिए खर्च किए 12 लाख रुपये

वहीं, सोशल मीडिया के माध्यम से कनाडा के व्यक्ति रे राकेट ने संपर्क किया और स्नो को गोद लेने की इच्छा जताई। इसकी प्रक्रिया पूरी हुई। रे राकेट ने स्नो को कनाडा ले जाने में 12 लाख रुपये खर्च किए। आखिर में स्नो रे राकेट के साथ फ्लाइट से कनाडा चला गया है।

रुप्सा ने बताया कि वह इस तरह से अब तक 200 से अधिक सड़क पर घूमने वाले कुत्तों को गोद दिलाने का काम कर चुकी हैं।

नया नहीं है पशुओं से प्रेम

पशुओं से प्रेम की यह घटना कोई नई या अनोखी नहीं है। पशुओं से प्रेम करने वाले उनका बेहद खयाल रखते हैं और उनके लिए अपनी वसीयत तक में इंतजाम कर जाते हैं।

इसका एक बड़ा उदाहरण हैं देश के बड़े उद्योगपति रहे रतन एन. टाटा। उन्होंने पूरी जिंदगी अपना आवास और ऑफिस स्ट्रीट डॉग्स के लिए खुला रखा। उनके ऑफिस में भी स्ट्रीट डॉग्स के लिए अलग से जगह बनी थी, जहां वह आ सकते थे और आराम से रहकर खा-पीकर कभी भी वापस जा सकते थे।

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वसीयत में अपने पेट के लिए किया इंतजाम

रतन टाटा के स्वर्गवास के बाद जब उनकी वसीयत सामने आई तो पता चला कि उन्होंने अपने वफादार सहायकों समेत अपने बटलर के साथ ही अपने पेट के लिए भी उल्लेख किया था। अपने पेट डॉग टीटो के लिए उन्होंने 'अनलिमिटेड केयर' यानी असीमित देखभाल का प्रावधान कर गए हैं। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी अपने प्रिय बटलर राजन शॉ को दी है।

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