Noida News: मोबाइल टावर का सामान चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पुलिस ने किया गिरफ्तार
नोएडा जिले में पुलिस ने मोबाइल का सामान चुराने वाले एक गिरोह का राजफाश किया है। उनके कब्जे से तीन आरआरयू एक कार बरामद हुई है। बता दें उपकरण मोबाइल के सिग्नल को स्ट्रांग बनाने का काम करते हैं। इन आरआरयू उपकरणों की बाजार में कीमत करीब पांच से छह लाख रुपये है। बीते छह माह में तीस से ज्यादा मामले सामने आए हैं।
मोहम्मद बिलाल, नोएडा। फेस-3 कोतवाली पुलिस ने क्राइम रिस्पांस टीम (सीआरटी), स्वाट-2 टीम के साथ संयुक्त अभियान में मोबाइल टावर से कीमती उपकरण रेडियो रिसीवर यूनिट (आरआरयू) चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सरगना समेत तीन आरोपितों को मामूरा चौक से गिरफ्तार किया है।
कब्जे से तीन आरआरयू, एक कार बरामद
कब्जे से तीन आरआरयू, एक कार बरामद की है। आरोपितों की पहचान गाजियाबाद के नितिन कुमार, आकाश, सागर के रूप में हुई है। डीसीपी (अपराध) शक्ति मोहन अवस्थी का कहना है कि आरोपित आरा कामर्शियल कार में सवार होकर नोएडा, राजस्थान मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली-एनसीआर, अन्य राज्य में मोबाइल टावर की दिन के समय रेकी करते थे।
उपकरण मोबाइल के सिग्नल को स्ट्रांग बनाने का करते हैं काम
फिर रात में आरआरयू, बैटरी अन्य कीमती सामान को चोरी करते थे। गिरोह का सरगना नितिन है, उसके खिलाफ गाजियाबाद, नोएडा में मुकदमे दर्ज हैं। मोबाइल टावरों पर आरआरयू और अन्य उपकरण लगाए जाते हैं। यह उपकरण मोबाइल के सिग्नल को स्ट्रांग बनाने का काम करते हैं।आरआरयू उपकरणों की कीमत करीब पांच से छह लाख रुपये
कई बार देखा है कि फोन मिलाते ही कट जाता है और नहीं मिलता है। उस वक्त आसपास के टावर पर लगा आरआरयू या तो खराब होता है या चोरी हो चुका होता है। जिसकी वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पुलिस के मुताबिक इन आरआरयू उपकरणों की कीमत करीब पांच से छह लाख रुपये होती है।
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पूर्व में अबतक इस मामले में जो गिरोह पकड़े गए हैं वह चोरी के आरआरयू को कम कीमत पर दिल्ली में कबाड़ियों को बेच देते थे। पुलिस ऐसे कबाड़ियों को पकड़ने के प्रयास में भी है जिससे पता चल सके कि कबाड़ी इन आरआरयू का इस्तेमाल कहां करते हैं।
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