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Noida: एसटीएफ ने 50 हजार के इनामी बदमाश को दबोचा, चार साल से था फरार

स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को 50 हजार रुपये के इनामी बंगाल के दिनाजपुर जिले के उमर को नोएडा के जलपुरा गांव से गिरफ्तार किया है। वह गैंगस्टर एक्ट में वांछित है और चार साल से फरार था। उमर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में बंद पड़े मकानों में ताला तोड़कर चोरी करता था। उस पर मादक पदार्थ तस्करी सहित 12 मुकदमे दर्ज हैं।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 07 Nov 2024 05:47 AM (IST)
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एसटीएफ ने 50 हजार के इनामी बदमाश को दबोचा, चार साल से था फरार
 जागरण संवाददाता , ग्रेटर नोएडा। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को 50 हजार रुपये के इनामी बंगाल के दिनाजपुर जिले के उमर को नोएडा के जलपुरा गांव से गिरफ्तार किया है। वह गैंगस्टर एक्ट में वांछित है और चार साल से फरार था। उमर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में बंद पड़े मकानों में ताला तोड़कर चोरी करता था। उस पर मादक पदार्थ तस्करी सहित 12 मुकदमे दर्ज हैं। उसके पास से आधार कार्ड, पैन कार्ड, एटीएम कार्ड बरामद हुआ है।

बुधवार को एसटीएफ को जानकारी मिली कि गैंगस्टर एक्ट में वांछित और 50 हजार का इनामी उमर हल्दौनी डूब क्षेत्र में छिपकर रह रहा है। एसटीएफ ने घेराबंदी करके उसे जलपुरा गांव से दबोच लिया। उमर वर्ष 2011 में दिल्ली आया था और सिलाई का काम करने लगा था।

वर्ष 2016 में उमर की मुलाकात बंगाल निवासी राजा और बिहार के अफरोज से हुई। यह लोग नोएडा के सेक्टर-15 में मिले। यहीं से यह लोग बंद मकानों को निशाना बनाते हुए चोरी करने लगे। वर्ष 2016 में उमर को थाना सेक्टर-20 पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एक महीने तक जेल में रहने के बाद वह जमानत पर बाहर आ गया।

थाना बीटा-दो कोतवाली पुलिस ने वर्ष 2017 में जेल भेजा। कोविड के चलते साल 2020 में उसे जेल से पैरोल पर छोड़ा गया। तभी से वह फरार चल रहा था। एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि 50 हजार रुपये के इनामी गैंगस्टर में वांछित उमर को गिरफ्तार किया गया है। वह चार साल से फरार चल रहा था।

ठगी करने वाला गिरफ्तार, मोबाइल बरामद

दिल्ली कैंट थाना पुलिस ने ठगी करने वाले व्यक्ति को सर्विलांस की मदद से गिरफ्तार किया है। आरोपित के कब्जे से एक मोबाइल बरामद हुआ है। आरोपित विकास उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद का रहने वाला है, जो कि दो महीने से फरार चल रहा था। दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि सतेंद्र सिंह ने 27 अगस्त को शिकायत दी थी जिसमें उन्होंने बताया था कि एक जगह काम कर रहे थे, जहां वह विकास नाम के एक लड़का के साथ रहते थे। वह अक्सर उनका मोबाइल लेता था और उसके खाते से पैसे ट्रांसफर कर लेता था।

आरोपित ने उनके खाते से 1,25,300 रुपए निकाल लिए हैं। पुलिस मामले में जांच शुरू की जिसमें पता चला कि आरोपित खुद को पुलिस से बचाने के लिए अलग-अलग सिम कार्ड का उपयोग कर रहा था। साथ ही वह बार-बार अपना स्थान बदल रहा था। पांच नवंबर को सर्विलांस की मदद से आरोपित विकास को द्वारका सेक्टर 23 से गिरफ्तार कर लिया गया। अब पुलिस मामले में आरोपित से पूछताछ कर रही है।

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