Noida News: जिला अस्पताल में टॉयलेट की सिंक तोड़कर टोटी चोरी, सुरक्षा पर खर्च को लेकर उठे सवाल
500 करोड़ की लागत से बने अस्पताल में आए दिन चोरी हो रही है। इससे सुरक्षा का संचालन करने वाली एजेंसी पर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि अस्पताल में दो शिफ्ट में 40 से अधिक गार्ड लगाकर सुरक्षा का दावा किया जाता है। हैरानी की बात यह है कि सीएमओ कार्यालय में जब चोर घटना को अंजाम दे रहे थे तो वहां एक भी गार्ड मौजूद नहीं था।
जागरण संवाददाता, नोएडा। सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल परिसर के आठवें तल पर स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय की सुरक्षा में सेंध लगाने का मामला सामने आया है। चोर शनिवार देर रात कार्यालय के महिला और पुरुष शौचालय के छह सिंक तोड़कर कीमती टोटी कर ले गए।
कार्यालय बंद होने के कारण सिंक से बहता हुआ पानी परिसर में फैल गया। जो बाद में लिफ्ट से होता हुआ भूतल पर पहुंचा। गार्डों को लिफ्ट के पास पानी होने की जानकारी हुई तो वह आनन-फानन में गार्ड आठवें तल पर पहुंचे। यहां देखा तो सिंक तोड़कर टोटी चोरी होने की जानकारी हुई।
हैरानी की बात यह है कि सीएमओ कार्यालय में जब चोर घटना को अंजाम दे रहे थे तो वहां एक भी गार्ड मौजूद नहीं था। इससे सिंक तोड़ने की आवाज छठवें तल पर तैनात गार्डों को भी नहीं हुई।
अस्पताल में आए दिन हो रही है चोरी
वहीं प्रबंधन की ओर से अब सीसीटीवी में लगे कैमरे के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। 500 करोड़ की लागत से बने अस्पताल में आए दिन चोरी हो रही है। इससे सुरक्षा का संचालन करने वाली एजेंसी पर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि अस्पताल में दो शिफ्ट में 40 से अधिक गार्ड लगाकर सुरक्षा का दावा किया जाता है।
इनके वेतन पर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च होते हैं। बावजूद चोरी होने अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है। पूरे परिसर में पानी फैल गया है। वहीं किसी तरह पानी सप्लाई को बंद कर टूटी सिंक को किनारे कराया गया है। अस्पताल के शौचालय में जैगुआर की महंगी टोटी लगाई है।
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प्रबंधन को लगानी पड़ी प्लास्टिक की टोटी
यही कारण अस्पताल का संचालन शुरू होने से पहले से अस्पताल के शौचालय से चोरी हो रही है। ज्यादातर शौचालय से टोटी गायब हो चुकी है। इनकी जगह प्रबंधन को प्लास्टिक की टोटी लगानी पड़ी है। कई शौचालय की कमोड से वाश पाइप भी गायब है। इसके अलावा दरवाजे की कुंडी भी चोरी हो चुकी है।
इस कारण शौचालय का दरवाजा बंद नहीं हो पाता है। अस्पताल परिसर में आए दिन साइकिल और दोपहिया चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रबंधन की ओर से पॉर्किंग शुल्क वसूलना शुरू किया गया है।