Pollution in Noida: तेज हवा ने नोएडा के वातावरण को किया साफ, धुंध की चादर हटने से विजिबिलिटी बढ़ी
Pollution in Noida नोएडा में रविवार सुबह हवा की रफ्तार तेज रहने से वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार देखने को मिला है। प्रदूषण के कारण धुंध की मोटी चादर छटने से लोगों को राहत मिली है। न्यूनतम दृश्यता भी अधिक दर्ज की जा रही है।
By MOHD BilalEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Sun, 06 Nov 2022 12:14 PM (IST)
नोएडा, जागरण संवाददाता। Pollution in Noida: दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथा चरण लागू होने के बाद एक्यूआइ में सुधार देखने को मिल रहा है। रविवार सुबह तेज हवा की रफ्तार से वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है। वायु प्रदूषण से बनी धुंध की चादर छटने से राहत मिली है।
न्यूनतम दृश्यता (Minimum Visibility Rate) भी अधिक दर्ज की जा रही है। तेज धूप के कारण आसमान साफ नजर आ रहा है। हालांकि एक्यूआइ अभी भी बहुत खराब श्रेणी में है। रविवार को नोएडा में सुबह दस बजे 341 दर्ज किया गया, जो सांस रोगियों के लिए नुकसानदायक है।
ग्रेप के चलते लगे कई प्रतिबंध
कारगर क्रियान्वयन के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसमें सीएक्यूएम के वैधानिक निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारी दंड भी शामिल है। ग्रेप के पहले, दूसरे एवं तीसरे चरण के क्रियान्वयन की स्थिति का जायजा लेने के लिए ही सीएक्यूएम ने बुधवार को हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के एनसीआर जिलों की एजेंसियों/निकायों के साथ एक समीक्षा बैठक की थी।बिल्डर पर 5 लाख का जुर्माना
इस बैठक में नोएडा प्राधिकरण द्वारा सेक्टर-151 स्थित एक निर्माण प्रोजेक्ट की फोटो दिखाई थी, जिसमें बिल्डिंग को ग्रीन नेट से नहीं ढका गया था। आयोग ने इसको लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई थी। साथ ही यूपीपीसीबी के अफसरों को जुर्माना लगाने के लिए निर्देशित किया था। नोएडा प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहे बिल्डर पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है।
प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार
प्रदूषण की रोकथाम को लेकर लागू ग्रेप के चौथे चरण की पाबंदियों के बीच वायु प्रदूषण में सुधार देखने को मिल रहा है। सतह पर चलने वाली हवाओं की रफ्तार बढ़ने व पुराने डीजल वाहन पर रोक लगने के कारण नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा गंभीर श्रेणी से उतरकर बहुत खराब श्रेणी में बरकरार है।पाल्यूशन फैलाने वाले वाहनों पर पाबंदी
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कुछ कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। अभी डीजल के बड़े वाहनों के साथ फैक्ट्रियों में डीजल जनरेट सेट चलाने पर पाबंदी लगाई गई है। ग्रेप के कारण बीएस-4 के वाहनों के परिवहन पर प्रतिबंध लगा हैं। बीएस-6 के मुकाबले बीएस-4 इंजन वाले वाहन ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं। बीएस-4 वाहनों से निकलने वाले सल्फर की मात्रा पांच गुना तक ज्यादा हो सकती है।
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