सुंदर भाटी का लॉरेंस बिश्नोई से कनेक्शन! जेल से बाहर आने पर टेंशन में पुलिस; ठेकेदार से कैसे बन गया गैंगस्टर?
गैंगस्टर सुंदर भाटी को हाईकोर्ट इलाहाबाद से जमानत मिल गई। हरेंद्र नागर हत्या कांड में सुंदर भाटी को जमानत मिली है। वह सोनभद्र जेल में बंद था। सूत्रों की माने तो रिहाई के बाद गैंगस्टर भाटी सोनभद्र से सीधे दिल्ली रवाना हो गया। भाटी की रिहाई के बाद एक बार फिर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खलबली मच सकती है जिसे देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस भी चौकन्ना हो गई है।
अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के घंघोला गांव का सुंदर भाटी जरायम की दुनिया में कदम रखने से पहले ठेकेदारी में पांव जमाए था। ठेकेदारी में मजबूत पकड़ बनाने और अधिक पैसा कमाने के लिए उसने नेताओं के साथ उठ-बैठकर संबंधों को मजबूत करना शुरू किया। नेताओं के इर्द-गिर्द रहते हुए उसका राजनीति की ओर झुकाव हुआ। उसकी इस महत्वाकांक्षा के आड़े उसके मित्र नरेश भाटी ही आ गया।
नरेश भाटी से थी अच्छी दोस्ती
नरेश भाटी और सुंदर भाटी की शुरुआत में अच्छी मित्रता थी। सुंदर भाटी जहां ठेकेदारी का काम कर रहा था। वहीं नरेश भाटी अपराध की दुनिया से जुड़ा था। दोनों ने मिलकर कई आपराधिक घटनाओं को मिलकर अंजाम दिया था।
इसके बाद नरेश के साथ ही सुंदर का नाम भी अपराध की दुनिया में गूंजने लगा। दोनों ही राजनीति में अपनी जड़े मजबूत करने में जुटे थे, लेकिन नरेश भाटी ने सुंदर भाटी को पीछे छोड़ जिला पंचायत अध्यक्ष बन गया।
माननीय होकर लालबत्ती में घूमने लगा...
नरेश भाटी जिला पंचायत अध्यक्ष बना तो वह माननीय होकर लालबत्ती में घूमने लगा, यह बात सुंदर को ज्यादा परेशान करने लगी। दोनों के बीच दोस्ती में दरार आ गई। रंजिशन सुंदर भाटी ने गिरोह को तोड़कर अपना नया गुट बना लिया।
2003 में सुंदर भाटी गैंग ने नरेश भाटी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उसकी हत्या कर दी। इस घटना के बाद सुंदर भाटी जिले का कुख्यात बनकर उभरा। जिसके बाद वह लगातार संगीन अपराध कर जरायम की दुनिया में सिक्का जमाता चला गया।
लॉरेंस बिश्नोई से कनेक्शन आया था सामने
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सुंदर भाटी को कुख्यात बदमाशों में गिना जाता है। गैंगस्टर सुंदर भाटी के लॉरेंस बिश्नोई से भी कनेक्शन की बात सामने आई थी। अतीक अहमद हत्याकांड में सुंदर और बिश्नोई का नाम सामने आया था। सुंदर भाटी पर हत्या, अवैध वसूली, जानलेवा हमले समेत अन्य संगीन अपराधों में 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।