Supertech Twin Tower: ब्लास्ट के दिन रहेगा नो फ्लाइंग जोन, पूरा इलाका होगा खाली
Supertech Twin Tower News सुपरटेक ट्विन टावर (एपेक्स-सियान) के ध्वस्तीकरण की तारीख नजदीक आती जा रही है। इस दिन ध्वस्तीकरण के दौरान पूरा इलाका नो फ्लाइंग जोन रहेगा। और सोसाइटी को खाली कराया जाएगा। ताकि जान-माल का नुकसान न हो सके।
By GeetarjunEdited By: Updated: Wed, 27 Jul 2022 02:29 PM (IST)
नोएडा, जागरण डिजिटल डेस्क। सुपरटेक ट्विन टावर (एपेक्स-सियान) के ध्वस्तीकरण (Supertech Twin Tower Demolition) के दौरान पूरा इलाका नो फ्लाइंग जोन (No Flying Zone) रहेगा। यानी कि ब्लास्ट वाले इलाके में विमान नहीं उड़ेंगे और न ही आसपास कोई पशु और लोग मौजूद रहेंगे। एमराल्ड कोर्ट (Emerald Court) और एटीएस सोसाइटी (ATS Society) की बिजली काटकर इलाके को खाली कराया जाएगा। बता दें कि 21 अगस्त को इस टावर को गिराया जाएगा।
सुपरटेक ट्विन टावर (एपेक्स-सियान) के ध्वस्तीकरण के दौरान नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे (Noida Greater Noida Expressway) के आसपास से एक घंटे तक हवाई जहाज नहीं गुजरेंगे। ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान इस क्षेत्र को 2 बजे से 3 बजे तक नो फ्लाई जोन घोषित किया जाएगा। नो फ्लाइंग जोन ट्विन टावर के 10 किमी के आसपास रहेगा।ये भी पढ़ें- Delhi Monkeypox Case: मंकीपाक्स का एक और संदिग्ध मरीज मिला, LNJP अस्पताल में चल रहा इलाज; दो महीने पहले पेरिस से लौटा था शख्स
प्राधिकरण सहित अन्य एजेंसियों से मांगा सहयोगएडिफिस इंजीनियरिंग की ओर से नोएडा प्राधिकरण, उड्डयन विभाग और एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया सहित अन्य एजेंसियों को पत्र लिखकर सहयोग करने के लिए कहा है।
ब्लाइस्ट के दौरान क्या-क्या होगा?
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी को पूरी तरह से खाली कराया जाएगा।
- इस दौरान उस इलाके में कोई भी शख्स मौजूद नहीं रहेगा। साथ ही कोई पशु या जानवर भी हटा दिया जाएगा।
- मदद के लिए आरडब्ल्यूए को पत्र लिखकर इस काम में मदद के लिए कहा गया है।
- सोसाइटी में सभी तरह के वाहनों को हटा दिया जाएगा।
- वाहनों को ट्विन टावर से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर खड़ा किया जाएगा।
- डीजल से चलने वाले फायर हाइड्रेंट पंप को आपातकाल के लिए चालू रखा जाएगा।
- सुपरटेक ने नोएडा प्राधिकरण से कहा है कि ब्लास्ट के दौरान आपात स्थिति से निपटने के लिए सुविधाएं मौजूद हों।
- जैसे- फायर डिपार्टमेंट, मेडिकल, हाउस कीपिंग स्टाफ और एनडीआरएफ की टीम।