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Supertech Twin Tower Demolition: ट्विन टावर गिरने के बाद लौटी दस वर्ष से रुकी रोशनी और हवा, 30 फ्लैट की खिड़कियों के टूटे शीशे

धमाके के बाद दस वर्ष से रुकी धूप और हवा वापस आई तो घर बदला सा लगा। धूल खिड़की व बालकनी में दिख रही थी लेकिन रात को हुई वर्षा से वो भी खत्म हो गई है। अपने आशियाने में धूप व हवा आने का सपना साकार हो गया।

By GeetarjunEdited By: Updated: Tue, 30 Aug 2022 12:44 AM (IST)
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ट्विन टावर गिरने के बाद फैली धूल को साफ करते कर्मचारी।

नोएडा [वैभव तिवारी]। नौ सेकेंड के धमाके के बाद दस वर्ष से रुकी धूप और हवा वापस आई तो घर बदला सा लगा। धूल खिड़की व बालकनी में दिख रही थी, लेकिन रात को हुई वर्षा से वो भी खत्म हो गई है। अपने आशियाने में धूप व हवा आने का सपना साकार हो गया है। जो एक समय नामुमकिन सा लग रहा था, उसे हम जी रहे हैं।

सोसायटी में एपेक्स व सियान टावर की तरफ वाले करीब 30 फ्लैट की खिड़कियों का शीशा टूटा है। घरों में धूल भी घुसी है, लेकिन वो लोगों की तैयारियों के चलते उम्मीद से कम है। यह एपेक्स व सियान टावर से 50 मीटर की परिधि में रहने वाले लोगों का साझी कहानी है।

एस्टर-दो टावर में तीसरी मंजिल पर रहने वाले सोसायटी के पहले आरडब्ल्यूए अध्यक्ष रवि कपूर ने बताया कि घर के सामान को पूरी तरह से व्यवस्थित कर घर से निकले थे। सभी सामानों को ढक दिया था। एसी को भी ढक दिया था। टीवी उतार दी थी। आज सभी सामान को पहले की तरह से ही वापस लगा दिया। पहले घर की बालकनी में जाने पर एपेक्स व सियान की छाया आती थी। आज धूप आई व हवा आई है।

एस्टर-दो टावर में रहने वाली रूचि राघव परिवार के साथ पांचवे मंजिल पर रहती है। परिवार के साथ रुचि सोमवार को घर पर पहुंची। बालकनी व खिड़की में लगा शीशा टूटा हुआ नजर आया। रूचि की सास रेनू राघव बताती है कि उम्मीद से कम धूल घर में आई है। बस बालकनी का शीशा टूट गया।

एस्टर-दो में डीके राणा व मीनू राणा दोनों परिवार के साथ बेफिक्र नजर आए, उनका कहना है कि घर के सामने अभी भी धूल रोकने के लिए हरा परदा लगाया गया है, लेकिन धूप परदे से छन कर घर में आ रही है। छह महीने बाद बालकनी में खड़े होकर धूप को महसूस किया है, क्योंकि अभी तक धूप आती नहीं थी व ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बालकनी में जाने से बचते थे। सब अच्छा रहा है।

88 वर्ष की दादी पहुंची शादी में, युवा कुनाल को हुई सांस लेने में परेशानी

एस्टर-3 टावर में रहने वाली कमला रानी सक्सेना (88) सोमवार सुबह पार्श्वनाथ सोसायटी से एस्टर-तीन स्थित घर पर पहुंची। घर में थोड़ी धूल दिखी, जिसे साफ करा दिया गया। इसके बाद कमला रानी अपने बेटे ज्वाय सक्सेना के साथ दिनभर घर में सामान्य दिनों की तरह रही।

हालांकि बालकनी में भी जाकर टावर को देखने का प्रयास किया, लेकिन टावर पर कपड़ा होने से धूप ही महसूस हो सकी। ज्वाय सक्सेना बताते है कि मौसी के साथ घर में आया तो उम्मीद थी। काफी धूल होगी और क्या पता कितना नुकसान हो जाए, लेकिन घर में कुछ नहीं हुआ था।

इसके बाद मौसी के साथ शाम के समय पीतमपुरा दिल्ली में दोस्त के बेटी की शादी में गए। मौसी को सांस लेने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। एस्टर- तीन टावर में पत्नी सोनिया व बेटे के साथ रहने वाले कुनाल घर लौटे तो सांस लेने में परेशानी हुई। इसके बाद कुनाल तत्काल जपी अस्पताल में जाकर डाक्टर से सलाह व दवा ली। डाक्टर ने एहतियात बरतने को कहा है।

सोसायटी से कई बच्चे गए स्कूल कुछ ने नहीं भेजा

सोसायटी में सामान्य गतिविधियां सोमवार को दिखीं। इसमें कई बच्चे स्कूल भी गए। लेकिन कई अभिभावकों ने एहतियात बरतते हुए अपने बचों को स्कूल नहीं भेजा है। एस्टर-तीन में रहने वाली सपना राघव बताती है कि सोसायटी में घर पर पहुंच कर साफ-सफाई की है। पूरा घर साफ किया। कोई नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि बच्चों को लेकर अभी सेक्टर-137 स्थित कोठी पर ही रहेंगे। प्रदूषित वायु कम होने के बाद बचों को लेकर लौटेंगे।

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