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Supertech Twin Tower: ट्विन टावर की जगह अब क्या बनेगा, इसमें क्या होगी लोगों की भूमिका?

सुपरटेक ट्विन टावर (एपेक्स व सियान टावर) की जगह पर मलबा हटने के बाद कोई भी निर्माण कार्य करने के लिए कई तरह के दावे किए जा रहे है। हालांकि इस पर कोई भी निर्माण कार्य करने के लिए आरडब्ल्यूए और एमराल्ड कोर्ट के लोगों की अनुमति लेना अनिवार्य है।

By GeetarjunEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2022 02:54 PM (IST)
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ट्विन टावर की जगह अब क्या बनेगा, इसमें क्या होगी लोगों की भूमिका?

नोएडा [वैभव तिवारी]। सुपरटेक ट्विन टावर (एपेक्स व सियान टावर) की जगह पर मलबा हटने के बाद कोई भी निर्माण कार्य करने के लिए कई तरह के दावे किए जा रहे है। हालांकि इस पर कोई भी निर्माण कार्य करने के लिए आरडब्ल्यूए और एमराल्ड कोर्ट के लोगों की अनुमति लेना अनिवार्य है।

लोगों का कहना है कि 12 वर्ष से ग्रीन एरिया व पार्क के लिए लड़ाई लड़ के जीत मिली है। अब इसका उपयोग सोसायटी के लोग सुविधा अनुसार करेंगे। सुपरटेक बिल्डर की तरफ से अपने एफएआर के मुताबिक जगह का उपयोग किया जा चुका है।

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28 अगस्त को गिराए गए थे ट्विन टावर

नोएडा के सेक्टर-93ए में स्थित सुपरटेक ट्विन टावर (एपेक्स और सियान, Apex and Ceyane Tower) 9 सेकेंड में ही 28 अगस्त को जमींदोज हो गए थे। जिनमें एपेक्स टावर 32 मंजिल और 102 मीटर का ऊंचा और सियान 29 मंजिल का (करीब 95 ऊंचा) था। दोनों टावरों में 9800 छेद किए गए और 3700 किलो विस्फोट लगाया गया था। एडफिस कंपनी के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता जब सुपरटेक के दोनों टावर को ध्वस्त करने के लिए ट्रिगर दबाया।

सुपरटेक टावर गिराने से पहले सुबह सात एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसायटी को खाली करा दिया था। 2700 फ्लैट में रहने वाले करीब 7000 लोगों को एक दिन के लिए घर छोड़ना पड़ा था। साथ ही पालतू जानवरों, 3000 वाहनों को भी दूसरी जगह शिफ्ट किया था।

सुपरटेक ट्विन टावर का पूरा मलबा आएगा काम

ध्वस्तीकरण से निकले मलबे को सौ प्रतिशत रिसाइकल किया जाएगा। सीएंडडी प्लांट तक पहुंचने वाले 30 हजार टन मलबे में से कुछ भी ऐसा नहीं बचेगा, जिसे डंपिंग साइट में फेंकना पड़े। डस्ट, टाइल्स और कर्व स्टोन बनाने के बाद करीब 1500 टन मलबा बचेगा। इसका प्रयोग लैंडस्केपिंग और स्कल्पचर बनाने में किया जाएगा। वहीं मलबे से जो टाइल्स और कर्व स्टोन बनाए जाएंगे, उनका प्रयोग सुपरटेक की साइट पर प्रस्तावित पार्क को विकसित करने में किए जाने की भी तैयारी है।