Supertech Twin Tower: सुपरटेक ट्विन टावर की डिमोलिशन साइट का ड्रोन व्यू, पांच दिन बाद ऐसा दिख रहा नजारा
सुपरटेक ट्विन टावर 28 अगस्त को ध्वस्त होकर मलबे में तब्दील हो गए। बिल्डिंग से करीब 80000 हजार टन मलबा निकला है। उसके निस्तारण में करीब 90 दिनों यानी कि तीन महीने का समय लग जाएगा। निस्तारण का काम भी चालू हो गया
नोएडा, जागरण डिजिटल डेस्क। सुपरटेक ट्विन टावर 28 अगस्त को ध्वस्त होकर मलबे में तब्दील हो गए। बिल्डिंग से करीब 80,000 हजार टन मलबा निकला है। उसके निस्तारण में करीब 90 दिनों यानी कि तीन महीने का समय लग जाएगा। निस्तारण का काम भी चालू हो गया।
#WATCH | Debris lies at the demolition site of #SupertechTwinTowers in Noida pic.twitter.com/rxdvgMlurE
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, ट्विन के ध्वस्तीकरण के बाद मलबे का ड्रोन व्यू सामने आया है। कैमरे में मलबे का व्यू कैद हुआ है। जो चारों तरफ फैला हुआ है। ट्विन टावर के गिराने के बाद मलबा कई मीटर ऊपर तक इकट्ठा हो गया है।
सुपरटेक ट्विन टावर का पूरा मलबा आएगा काम
ध्वस्तीकरण से निकले मलबे को सौ प्रतिशत रिसाइकल किया जाएगा। सीएंडडी प्लांट तक पहुंचने वाले 30 हजार टन मलबे में से कुछ भी ऐसा नहीं बचेगा, जिसे डंपिंग साइट में फेंकना पड़े। डस्ट, टाइल्स और कर्व स्टोन बनाने के बाद करीब 1500 टन मलबा बचेगा। इसका प्रयोग लैंडस्केपिंग और स्कल्पचर बनाने में किया जाएगा। वहीं मलबे से जो टाइल्स और कर्व स्टोन बनाए जाएंगे, उनका प्रयोग सुपरटेक की साइट पर प्रस्तावित पार्क को विकसित करने में किए जाने की भी तैयारी है।
28 अगस्त को गिराए गए थे ट्विन टावर
नोएडा के सेक्टर-93ए में स्थित सुपरटेक ट्विन टावर (एपेक्स और सियान, Apex and Ceyane Tower) 9 सेकेंड में ही 28 अगस्त को जमींदोज हो गए थे। जिनमें एपेक्स टावर 32 मंजिल और 102 मीटर का ऊंचा और सियान 29 मंजिल का (करीब 95 ऊंचा) था। दोनों टावरों में 9800 छेद किए गए और 3700 किलो विस्फोट लगाया गया था। एडफिस कंपनी के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता जब सुपरटेक के दोनों टावर को ध्वस्त करने के लिए ट्रिगर दबाया।
सुपरटेक टावर गिराने से पहले सुबह सात एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसायटी को खाली करा दिया था। 2700 फ्लैट में रहने वाले करीब 7000 लोगों को एक दिन के लिए घर छोड़ना पड़ा था। साथ ही पालतू जानवरों, 3000 वाहनों को भी दूसरी जगह शिफ्ट किया था।