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Swachh Survekshan 2023: यूपी का सबसे स्वच्छ शहर बना नोएडा, मिली फाइव स्टार रैंकिंग; वाटर प्लस श्रेणी में पहली बार मिला सर्टिफिकेट

इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 पुरस्कार कई मायनों में नोएडा शहर के लिए खास है। पहली बार नोएडा को उत्तर प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चुना गया है। नोएडा को इस सर्वेक्षण में फाइव स्टार रैंकिंग मिली है। इसके साथ ही नोएडा को गार्बेज फ्री सिटी होने के लिए भी फाइव स्टार रैंकिंग मिली है। साथ ही वाटर प्लस शहर की श्रेणी में भी सर्टिफिकेट मिला।

By Jagran News Edited By: Pooja Tripathi Updated: Thu, 11 Jan 2024 02:03 PM (IST)
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नोएडा बना यूपी का सबसे साफ शहर, मिला अवार्ड। जागरण
 जागरण संवाददाता, नोएडा। स्वच्छता सर्वेक्षण मामले में पहली बार नोएडा 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में दूसरे स्थान पर काबिज हुआ है जबकि पिछली बार इसी श्रेणी में नोएडा को पांचवा स्थान मिला था। यह सफलता नोएडा ने वाटर प्लस श्रेणी में पहली बार सर्टिफिकेट हासिल करने पर पाई है।

इसके अलावा इस बार भी गारबेज फ्री सिटी में फाइव स्टार रैकिंग पाई है। अवसान एवं शहरी विकास मंत्रालय की स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की फाइनल रैकिंग जारी हुई, जिसमें ओवर ऑल रैंकिंग में नोएडा की गिरावट दर्ज की गई है।

ऑल इंडिया रैंकिंग में नोएडा को मिला 14वां स्थान

नोएडा को 11वें से नीचे खिसक कर 14वें स्थान पर संतोष करना पड़ा है। यह अवार्ड सीईओ डॉक्टर लोकेशन को आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली में दिया इस मौके पर अपर मुख्य कार्यपालिका अधिकारी संजय कुमार खत्री जन स्वास्थ्य विभाग के उप महाप्रबंधक एसपी सिंह वरिष्ठ प्रबंधक आरके शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

आज जारी हुए 2023 के सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक नोएडा को मिले ये सर्टिफिकेट और अवार्ड

  1. वाटर+
  2. गार्बेज फ्री सिटी 5 स्टार रैंकिंग- यह यूपी का एकमात्र शहर है जिसे ये रेटिंग मिली
  3. राज्यवार रैंकिंग में मिला पहला स्थान
  4. ऑल इंडिया रैंकिंग में (1-10 लाख की आबादी वाले शहर)- दूसरा स्थान
  5. यूपी में वाटर प्लस विद 5 स्टार सर्टिफिकेशन- यूपी का एकमात्र शहर

सफलता के यह मानक हुए पूरे

यही नहीं नोएडा में एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित किया गया। वहां 5 हजार स्वच्छता कर्मियों के चेहरे की पहचान कर उनकी बायोमेट्रिक उपस्थिति लगाई जाती है। शहर में मैकेनिकल स्वीपिंग सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। यहां त्रिपल आर के जरिए लोगों को जागरुक किया जा रहा है। यहां नालों में बांबू स्क्रीन और एमएस बार स्क्रीन का प्रयोग किया जा रहा है। ताकि फ्लोटिंग मेटेरियल बाहर निकालकर निस्तारण किया जा सके।

इसलिए दिए गए दोनों सर्टिफिकेट

अभी तक ओडीएफ प्लस प्लस का सर्टिफिकेट नोएडा के पास था। वाटर प्लस इससे एक ऊपर पायदान की श्रेणी होती है। शौचालय और सीवेज लाइन का नेटवर्क जोड़ने की वजह से वाटर प्लस नोएडा को मिला है। गारबेज फ्री सिटी का पुरस्कार लोगों के घरों से कूड़ा लेना, उसको पृथक-पृथक करना और उसका निस्तारण करने की वजह से मिला है।

आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय कराता है पूरे देश में सर्वेक्षण

आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा शहरों का स्वच्छता सर्वेक्षण किया जाता है, जिसमें शहरों की अलग-अलग कैटेगरी में रैंकिंग निकाली जाती है। इसमें 3 से 10 लाख आबादी वाली श्रेणी में नोएडा प्राधिकरण भी हिस्सा लेता है। इस बार नोएडा की रैंकिंग में अच्छा उछाल देखने को मिला है।

ऐसा रहा नोएडा का सफर

साल 2018 में नोएडा की रैंकिंग 324 रही थी जबकि 2019 में इसमें सुधार करते हुए नोएडा ने 150वीं जगह पाई और यूपी में पहला स्थान मिला। 2019 में नोएडा को गार्बेज फ्री सिटी कैटेगरी में 3 स्टार रैंकिंग और ओपन डेफेकेशन फ्री सिटी कैटेगरी में ओडीएफ प्लस प्लस सर्टिफिकेट मिला था।

2020 में नोएडा को 25वीं रैंक और 2021 चौथी रैंक मिली थी। क्लीनेस्ट मीडियम सिटी और फाइव स्टार गार्बेज फ्री सिटी के साथ नोएडा ने अपनी सफाई व्यवस्था को लगातार बढ़ाया ही है। यही वजह रही कि साल 2022 में 5वीं रैंक के साथ नोएडा बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल सिटी चुनी गई।

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