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त्योहार पर खाने-पीने की सामान खरीदें तो खुद रखें गुणवत्ता का ख्याल, नहीं तो पहुंच जाएंगे अस्पताल

नोएडा में खाद्य सुरक्षा विभाग की लापरवाही से मिलावटी खाद्य सामग्री बिक रही है। पिछले पांच वर्षों में विभाग ने सिर्फ 12544 प्रतिष्ठानों से ही खाद्य सामग्री के नमूने भरे हैं। गौतमबुद्धनगर में कई छोटे-बड़े खाद्य प्रतिष्ठानों पर मिलावटी सामग्री धड़ल्ले से बेची जा रही है। हाल ही में कई मामलों में लोगों के बीमार होने की खबरें सामने आई हैं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 21 Oct 2024 11:30 AM (IST)
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मिलावटी सामग्री धड़ल्ले से बेची जा रही है। फोटो- जागरण

गजेंद्र पांडेय, ग्रेटर नोएडा। सावधान... किसी प्रतिष्ठान पर कोई खाद्य सामग्री ले रहे हैं तो खुद ही जांच परख लें। जरा सी चूक हुई तो मिलावट खोर आपको मिलावटी दूषित खाद्य सामग्री परोस देंगे, जिसे खाने से आपकी व आपके परिवार के सदस्यों की सेहत भी बिगड़ सकती है।

प्रतिष्ठान संचालक गुणवत्ता पूर्ण सामग्री देंगे इसकी गारंटी नहीं है। खाद्य सुरक्षा विभाग के जिम्मेदार मिलावट खोरों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ छोटे- मोटे प्रतिष्ठानों से खाद्य सामग्री के नमूने भरकर सिर्फ कागजी कोरम पूरा कर रहे हैं, जबकि दूषित खाद्य सामग्री खाने से लोगों के बीमार होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

सिर्फ कागजों में चला रहा जांच अभियान

गाैतमबुद्ध नगर में कई छोटे-बड़े खाद्य प्रतिष्ठानों पर मिलावटी सामग्री धड़ल्ले से बेचे जाने की आशंका है। क्योंकि करीब 75 फीसदी प्रतिष्ठानों में पिछले पांच वर्ष विभाग गुणवत्ता नहीं जांच सका है। पिछले पांच वर्ष में सिर्फ 12544 प्रतिष्ठानों से ही खाद्य सामग्री के नमूने भरकर जांच के लिए कार्यशाला भेजने का जिक्र है।

जिलेभर में फुटपाथ पर लाइन से लगे सैकड़ों ठेलों पर सजी खाने की थाली हो या मोमोज, चाट, गोल गप्पे की दुकानें, हास्टल की मेस, आलीशान होटल, रेस्टोरेंट आदि में य मानक के अनुसार खाद्य सामग्री मिलेगी इस पर संशय है।

चार फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर के पद हो गए रिक्त

जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग में फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर के 10 पदों में से चार रिक्त हैं। वर्ष 2017 में आठ इंस्पेक्टर थे, इसके बाद 2022 में एक और 2024 में एक पद रिक्त हो गया। वर्तमान में छह ही फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर की तैनाती है। इसमें दादरी के जाेन दो व जेवर जोन के अलावा दो अन्य जोन खाली हैं। इन क्षेत्र में अन्य जोन के फूड इंस्पेक्टर को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसके अलावा जिला अभिहीत अधिकारी व सहायक आयुक्त की नियुक्त है।

कब-कब बिगड़ी तबीयत?

नौ मार्च 2024

200 छात्र एक साथ हुए थे बीमार

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र के आर्यन रेजीडेंसी और लायड के हास्टल में रह रहे 200 से अधिक छात्र नौ मार्च 2024 को खाना खाने के बाद फूड पाइजनिंग का शिकार हो गए था। मामले का संज्ञान लेकर योगी सरकार ने रिपोर्ट मांगी थी। पुलिस ने बताया था कि बीमार होने वाले छात्रों की संख्या 200 से अधिक है।

बीमार छात्रों को कैलाश अस्पताल ग्रेटर नोएडा, बैक्सन अस्पताल नालेज पार्क व शारदा अस्पताल में भर्ती कराया था। मामले में पुलिस ने मेस के इंचार्ज को हिरासत में लिया था। बीमार हुए छात्रों का कहना था कि उन लोगों ने महाशिवरात्रि पर व्रत रखा था। व्रत के लिए कुट्टू के आटे की पूरी, आलू और टमाटर की सब्जी व कुछ अन्य चीजें खाने के बाद वह बीमार हुए।

एक जनवरी 2024

समोसे व स्नैक्स खाकर बीमार हुए थे 20 शिक्षक

ग्रेटर नोएडा में एक मिठाई की दुकान से समोसा खाने के बाद डिग्री कालेज के 20 शिक्षक गंभीर बीमार पड़ गए थे। शिक्षकों ने नए साल की पार्टी के लिए एक स्थानीय मिठाई की दुकान से समोसे, स्नैक्स समेत अन्य खाद्य सामग्री मंगाकर खाई थी।

शिक्षकों को सरकारी आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में भर्ती कराया गया था। खाद्य सुरक्षा विभाग ने समोसे समेत अन्य खाद्य सामग्री के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे थे। इसके साथ ही पुलिस ने दुकानदार पर हानिकारक भोजन बेचने का मुकदमा दर्ज किया था।

16 अक्टूबर 2024

शहर के सेक्टर ओमेगा वन स्थित यथार्थ हास्पिटल के सामने नामी दुकान से मोमोज खाने के बाद करीब 60 लोगो की तबीयत बिगड़ गई थी। लोगों को उल्टी, दस्त और बुखार की समस्या हो गई। मामले में सेक्टर ओमीक्रान वन ए निवासी निहारिका और डा सार्थक ने बताया कि दुकान से सात प्लेट चिकन मोमोज मंगाए थे। इसे खाने के कुछ देर बाद ही उन्हें उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत होने लगी।

क्या बोले जिम्मेदार?

सभी फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर को हर माह अपने-अपने जोन से छह-छह नमूने भरने होते हैं। यह नमूने भर कर भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा समय समय पर अभियान चलाकर भी जिन प्रतिष्ठानों में मिलावट खोरी की आशंका हाेती है, नमूने भरकर जांच के लिए भेजे जाते हैं। जिन प्रतिष्ठानों में खाद्य सामग्री खाने से लोगों के बीमार होने की सूचना मिलती है, उनके नमूने लेकर सील करने की कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल इसी वर्ष जुलाई में यहां पदभर संभाला है। रिक्त पदों पर फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर की नियुक्ति के लिए विभाग कोे पत्र लिखा है। पूर्व में कितनी बार पत्र लिखे गए, इसकी जानकारी नहीं है।

- सर्वेश कुमार मिश्र, सहायक आयुक्त, गौतमबुद्धनगर

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