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दिन-रात होगा नोएडा एयरपोर्ट पर ट्रायल, हर रोज रनवे पर उतरेंगे दो से तीन विमान; इस दिन से होगी टिकट बुकिंग

Noida International Airport नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर बड़ा अपडेट आया है। एयरपोर्ट के रनवे पर 15 नवंबर से ट्रायल होना तय है। मार्च में कमर्शियल सेवा शुरू होने होगी। जिसको देखते हुए जनवरी से टिकट की बुकिंग की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। बता दें एयरपोर्ट के 3950 मीटर लंबे रनवे पर इंडिगो अकासा एयर के विमान उतरेंगे और उड़ान भरेंगे।

By Arvind Mishra Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 13 Nov 2024 08:58 PM (IST)
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विमान के रनवे पर उतरने एवं उड़ान भरने के दौरान आंकड़े एकत्र होंगे। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे पर 15 नवंबर से ट्रायल प्रस्तावित है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. के अधिकारियों के मुताबिक एयरपोर्ट के रनवे पर प्रतिदिन

दो से तीन विमान उतरेंगे। यह सिलसिला एक माह तक चलेगा। विमान के रनवे पर उतरने एवं उड़ान भरने के दौरान आंकड़े एकत्र होंगे। इसके आधार पर महानिदेशालय नागर विमानन के यहां एयरो ड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन होगा। मार्च में कमर्शियल सेवा शुरू होने की स्थिति में जनवरी से टिकट की बुकिंग शुरू हो जाएगी।

अगले चरण में एयरपोर्ट पर होगा ट्रायल 

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम की सफल जांच के बाद महानिदेशालय नागर विमानन से प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुका है। एयरपोर्ट की निर्धारित समय सारिणी के तहत प्रमाण पत्र प्राप्त करने के अधिकतम 15 नवंबर तक की समय सीमा तय की गई थी।

फाइल फोटो

अगले चरण में एयरपोर्ट पर ट्रायल होना है। ट्रायल से पहले डीजीसीए इसके लिए अनुमति देगा। अभी तक यह अनुमति नहीं मिली है, लेकिन पंद्रह नवंबर से एयरपोर्ट पर ट्रायल के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है।

एयरपोर्ट के 3950 मीटर लंबे पर इंडिगो, अकासा एयर और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के विमान उतरेंगे और उड़ान भरेंगे। इस दौरान एयरपोर्ट का संचालन उसी तरह होगा, जैसे कामर्शियल सेवा के दौरान होता है।

विमान का वजन भी यात्री समेत विमान के बराबर होगा। लेकिन ट्रायल के दौरान विमान में यात्री नहीं होंगे। दिन और रात दोनों में ट्रायल कर एयरपोर्ट के उपकरणों की कार्यप्रणाली को परखा जाएगा।

शुरुआती ट्रायल के बाद क्रू मेंबर के साथ भी होगा ट्रायल

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. अरुणवीर सिंह का कहना है कि एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए कम से कम सत्तर फ्लाइट का रनवे पर उतरने और उड़ान भरने का अभ्यास होना जरूरी है।

इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि यात्री विमान के लिए एयरपोर्ट का रनवे, वहां लगाए गए उपकरण पूरी तरह दुरुस्त, क्रियाशील और सुरक्षित हैं। शुरुआती ट्रायल के बाद क्रू मेंबर के साथ भी ट्रायल होगा। ट्रायल के दौरान एयरबस और बोइंग को एयरपोर्ट के रनवे पर उतारा जाएगा।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) कोड ई है। कैट तीन के तहत दृश्यता बेहद कम होने के बावजूद रनवे पर विमान को उतारने के लिए इसे तैयार व उपकरणों से लैस किया गया है। भारत में अभी छह एयरपोर्ट कैट तीन हैं। इसमें लखनऊ, कोलकाता, अमृतसर, जयपुर, बेंगलूरू और दिल्ली शामिल हैं।

एविएशन उद्योग के लिए तैयार हो रही नीति

जेवर (Jewar Airport) में नोएडा एयरपोर्ट के अलावा एयरक्राफ्ट की मेंटेनेंस, रिपेयर व ओवरहालिंग का भी बड़ा केंद्र बनाया जाएगा। इसमें विमानों की मरम्मत के अलावा उसके कलपुर्जे बनाने के लिए उद्योग भी स्थापित होंगे। प्रदेश सरकार ने एविएशन उद्योग के लिए नीति तैयार करने पर मंथन शुरू कर दिया है। इसके तहत एफडीआई की तर्ज पर प्रदेश सरकार की ओर से भूमि पर मिलने वाली सब्सिडी व अन्य सुविधाएं एविएशन उद्योग के लिए भी मान्य की जा सकती हैं।

नीति तैयार होने के बाद ही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. एविएशन उद्योग के लिए भूखंड योजना निकालेगी। इसके साथ ही एमआरओ के लिए विकासकर्ता चयन की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी। जिला प्रशासन ने एमआरओ के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की है। 93 प्रतिशत से अधिक किसानों को मुआवजा वितरण किया जा चुका है। नौ हजार परिवारों के पुनर्वास के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।

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