ग्रेटर नोएडा में दो बिल्डरों के प्लॉट आवंटन निरस्त, क्या फ्लैट खरीदारों पर पड़ेगा इसका असर?
Noida News सुपरटेक बिल्डर के सेक्टर 22 डी व सन वर्ल्ड बिल्डर के 100-100 एकड़ के आवंटन को निरस्त करने का फैसला हुआ है। दोनों ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं किया है। वहीं एटीएस बिल्डर को भुगतान के लिए राहत दी गई है। यमुना प्राधिकरण बोर्ड के इस फैसले का असर फ्लैट खरीदारों पर नहीं पड़ेगा।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। अमिताभ कांत समिति की सिफारिश का लाभ न लेने वाले सुपरटेक बिल्डर व सन वर्ल्ड बिल्डर का प्लॉट आवंटन निरस्त करने को यमुना प्राधिकरण बोर्ड ने स्वीकृति दे दी है। परियोजना में खरीदारों के हित को सुरक्षित रखते हुए उनके हिस्से को छोड़कर शेष प्लॉट का आवंटन रद्द किया गया है।
इसके अलावा एटीएस बिल्डर को 25 प्रतिशत राशि भुगतान के लिए बोर्ड ने 31 अगस्त तक का समय दे दिया है। आर्थिक कमजोर वर्ग के लिए 30 वर्गमीटर प्लॉट योजना पर पानी फिर गया है। बोर्ड ने इस पर विस्तृत प्रस्ताव मांगा है।
बिल्डर परियोजना और सुरक्षा रियल्टी से संबंधित था अहम प्रस्ताव
चेयरमैन अनिल सागर की अध्यक्षता में हुई 81वीं बोर्ड बैठक में नोएडा प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम, ग्रेनो प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि कुमार, यीडा सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा समेत अन्य बैठक में सबसे अहम प्रस्ताव बिल्डर परियोजना और सुरक्षा रियल्टी से संबंधित था।
यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यीडा क्षेत्र में नौ बिल्डर परियोजना व छह सबलेसी परियोजना हैं। शासन ने अधूरी बिल्डर परियोजना को पूरा कराने एवं खरीदारों को घरों पर कब्जा देने के लिए अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू किया है।
चार बिल्डरों ने लाभ के लिए किया है आवेदन
नौ में से चार बिल्डरों ने समिति की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है, एटीएस पर बकाया राशि की गणना गलत होने के कारण उसे 25 प्रतिशत राशि का भुगतान करने के लिए साठ दिन का समय दिया है। दो बिल्डर का मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
सुपरटेक बिल्डर के सेक्टर 22 डी व सन वर्ल्ड बिल्डर के 100-100 एकड़ के आवंटन को निरस्त करने का फैसला हुआ है। दोनों ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं किया है।
परियोजना में फ्लैट खरीदारों के हितों को सुरक्षित रखते हुए उनसे जुड़े प्लॉट का आवंटन रद्द नहीं किया गया है। सभी छह सबलेसी भी समिति की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए आवेदन कर चुके हैं।
सुरक्षा रियल्टी से संबंधित प्रस्ताव पर शासन करेगा फैसला
जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण कर चुकी सुरक्षा रियल्टी से संबंधित प्रस्ताव को बोर्ड ने शासन को भेजने का फैसला किया है। शासन अगर इसे स्वीकार करता है तो एनसीएलएटी के फैसले को लागू कर दिया जाएगा, अन्यथा इसके खिलाफ न्यायालय में अपील की जाएगी।
इस फैसले से बीस हजार फ्लैट खरीदार व दस हजार किसान सीधे जुड़े हैं। यमुना प्राधिकरण ने सुरक्षा रियल्टी से 6111 करोड़ रुपये का दावा किया था। एनसीएलएटी ने अतिरिक्त मुआवजा राशि वितरण के लिए 1334.31 करोड़ रुपये के भुगतान का सुरक्षा रियल्टी को आदेश दिया है।
यीडा को देने होंगे सलाहकार एजेंसी के 17 करोड़ रुपये
सीईओ ने बताया कि 1689 करोड़ रुपये अतिरिक्त मुआवजा राशि का वितरण होना है। यीडा 21 प्रतिशत राशि अपने पास से किसानों को वितरित करेगा। इसके अतिरिक्त 27 करोड़ रुपये लीजरेंट का भी यीडा को भुगतान किया जाएगा।
सलाहकार एजेंसी के 17 करोड़ रुपये यीडा को देने होंगे। सितंबर 30 में एक्सप्रेस वे व एलएफडी के प्रभावित किसानों को पहली किस्त की राशि जारी कर दी जाएगी।