UP Lok Sabha Result: गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में जाति पर विकास रहा हावी, बड़े अंतर से जीते प्रत्याशी
उत्तर प्रदेश में भाजपा को भारी नुकसान के बावजूद गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी डाक्टर महेश शर्मा व अतुल गर्ग बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहें। दोनों जगह के मतदाताओं ने जाति के मुद्दे को दरकिनार कर विकास और कानून व्यवस्था को तवज्जों दी। दोनों जगह कमिश्नरेट बनने के बाद कानून व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है।
जागरण संवाददाता, नोएडा। उत्तर प्रदेश में भाजपा को भारी नुकसान के बावजूद गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी डॉक्टर महेश शर्मा व अतुल गर्ग बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहें। दोनों जगह के मतदाताओं ने जाति के मुद्दे को दरकिनार कर विकास और कानून व्यवस्था को तवज्जों दी। दोनों जगह कमिश्नरेट बनने के बाद कानून व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है।
पिछले पांच वर्षों में दोनों जगह हुए विकास कार्याें की छाप मतदाताओं में दिखी। यह लोकसभा सीट उन सीटों में गिनी जाती हैं, जहां देश में सर्वाधिक विकास कार्य हुए।
गौतमबुद्ध नगर के जेवर में बन रहें नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, गाजियाबाद में नमो भारत ट्रेन, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, दिल्ली-सहारनपुर एक्सप्रेस वे आदि बड़े प्रोजेक्टों ने चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की राह आसान की। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर महेश शर्मा की 5,59,472 व गाजियाबाद में भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग की 3,32,420 के बड़े अंतर से जीत यह दर्शाती है कि चुनाव से पहले उछले जाति का मुद्दा मतदाताओं पर हावी नहीं हुआ। जाति का मुद्दा सिर्फ संगठनाें के विरोध प्रदर्शन तक ही सीमित रहा।
डॉक्टर महेश शर्मा 2014 में मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री रहें थे। तब उन्होंने एयरपोर्ट के लिए व्यक्तिगत प्रयास किए थे। दो बार से वह सांसद है, उन्होंंने कई और विकास कार्य भी कराएं। क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहें। इन सबका लाभ उन्हें मिला। गाजियाबाद से चुनाव जीते अतुल गर्ग दो बार के विधायक हैं। वह 2017 की योगी सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री भी रहें। गाजियाबाद में पूर्वांचल व उत्तराखंड के मतदाताओं को साधने के लिए बना गए भवन, कैलाश मानसरोवर भवन, धोबी घाट आरोबी व नोएडा के सेक्टर 62 से वसुंधरा तक मेट्रो की हरी झंडी मिलने समेत अन्य विकास कार्यों का लाभ उन्हें मिला।
गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में बाहर से आए मतदाताओं की संख्या अधिक है। ज्यादातर नौकरीपेशा व कारोबारी है। वह सोसायटी और सेक्टरों में रहतें हैं। इन्होंने जाति-बिरादरी को तवज्जों नहीं दी। इनके लिए विकास और कानून व्यवस्था अहम रहा। यहीं कारण है कि प्रदेश में केंद्रीय मंत्रियों समेत कई मौजूदा भाजपा सांसदों के चुनाव हारने के बावजूद दिल्ली से सटी इन दोनों सीटों पर शहरी मतदाताओं के कारण प्रत्याशियों ने आसानी से जीत हासिल की।
हालांकि, गाजियाबाद में 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार जीत का अंतर करीब दो लाख कम रहा। गौतमबुद्ध नगर में डाक्टर महेश शर्मा ने जीत के अंतर को बढ़ाया। पिछले चुनाव में वह करीब तीन लाख 38 हजार मतों से जीते थे। इसमें करीब सवा दो लाख मतों का इजाफा करते हुए उन्होंने जीत के अंतर का रिकॉर्ड बनाया है।
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