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उम्मीद 2024: ग्रेटर नोएडा में नौ करोड़ की लागत से तैयार प्रदेश का पहला परिषदीय स्कूल, इन अत्याधुनिक सुविधाओं से है लैस

प्रदेश में नौ करोड़ रुपये की लागत से गौतमबुद्ध नगर में परिषदीय स्कूल बनकर तैयार हो चुका है। आधुनिक सुविधाओं से लैस स्कूल प्रदेश के लिए मिसाल बन रहा है। सीएसआर फंड की मदद से निजी स्कूलों की तरह परिषदीय स्कूल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। सरकार की ओर से लगातार स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए कार्य किए जा रहे है।

By Ankur Tripathi Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 01 Jan 2024 09:04 AM (IST)
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उम्मीद 2024: ग्रेटर नोएडा में नौ करोड़ की लागत से तैयार प्रदेश का पहला परिषदीय स्कूल
अंकुर त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। प्रदेश में नौ करोड़ रुपये की लागत से गौतमबुद्ध नगर में परिषदीय स्कूल बनकर तैयार हो चुका है। आधुनिक सुविधाओं से लैस स्कूल प्रदेश के लिए मिसाल बन रहा है। सीएसआर फंड की मदद से निजी स्कूलों की तरह परिषदीय स्कूल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। सरकार की ओर से लगातार स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए कार्य किए जा रहे है।

इसी कड़ी में दनकौर ब्लाक में स्थित कंपोजिट स्कूल लुक्सर को एसएमसी कारपोरेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से बनाया गया है। कंपनी ने स्कूल को निजी स्कूल की तर्ज पर तैयार किया है। स्कूल में 10 कक्ष बनाए गए हैं। जिनमें स्मार्ट टीवी में छात्र पढ़ते दिखाई देंगे।

500 छात्रों की ऑडिटोरियम में बैठने की व्यवस्था

स्कूल परिसर में शुद्ध जल के लिए आरओ के साथ वाटर फिल्टर की व्यवस्था की गई है। छात्र और छात्राओं के लिए अलग अलग शौचालय की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में स्कूल में 236 छात्र पुराने भवन में पढ़ाई कर रहे है।

वहां जगह की कमी के कारण एक कक्षा में दो कक्षाओं के छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। नए सत्र से स्कूल शुरू होने से छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिलने लगेगी।

12वीं के लिए छात्रों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर

पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी को जिलाधिकारी ने निर्देश दिए थे कि शासन को पत्र लिखकर इसे 12वीं तक के लिए तैयार करवाया जाए। स्कूल में जगह की कोई कमी नहीं है। यदि शासन से स्वीकृति मिल गई तो 12वीं के लिए छात्रों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

स्कूल के प्रधानाचार्य संतोष कुमार ने बताया कि आने वाले समय में 500 से अधिक छात्रों का नामांकन होगा। नए स्कूल में शिक्षकों की जिम्मेदारी और बढ़ेंगी उन्हें निभाने के लिए हम सब तैयार है।

दिव्यांग छात्रों के लिए हैं अनुकूल

दिव्यांग छात्रों को स्कूल से जोड़ने लिए विशेष व्यवस्था की गई है। उनके लिए रैंप बनाया गया है। उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी न झेलनी न पड़े इसके लिए अलग शौचालय बनाया गया है। इसके साथ ही समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग छात्रों को अलग से शिक्षा दी जाएगी। दिव्यांग छात्रों के लिए स्कूल को उनके अनुकूल बनाया गया है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए बना आडिटोरियम

सांस्कृतिक कार्यक्रम करने के लिए स्कूल में आडिटोरियम बनाया गया है, जिसमें एक बार में करीब 500 छात्र बैठ सकते है। कुछ ही परिषदीय स्कूलों में आडिटोरियम देखने को मिलते हैं। प्रदेश के कई स्कूलों में छात्रों के लिए बैठने तक की कोई व्यवस्था तक नहीं है। वहीं इस स्कूलों में हर सुविधाओं का ध्यान रखा गया है।

खेल का मैदान आकर्षण का केंद्र

15 बीघे में बने स्कूल में खेल का मैदान आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। खेल के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए रेस ट्रैक तैयार किया गया है। इसके साथ ही अन्य खेलों का भी छात्रों को अभ्यास कराया जाएगा। इसके साथ ही खेल परिसर में छात्रों के बैठने की व्यवस्था भी की गई है।

आग से निपटने के लिए तैयार स्कूल

आमतौर पर निजी स्कूलों में आग से छात्रों को बचाने के लिए सिलेंडर लगे रहते होते है। हालांकि परिषदीय स्कूलों में यह व्यवस्था तक नहीं होती है,लेकिन कंपोजिट स्कूल लुक्सर में आपात स्थिति से निपटने के लिए पानी की पाइप लाइन बिछाई गई है,जिससे किसी भी स्थिति में छात्रों को बचाया जा सके। स्कूल में आग लगने पर अलार्म बजने लगेगा और तत्काल सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा जा सकेगा।

मुख्यमंत्री कर सकते हैं शुभारंभ

हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में कहा था कि पहले भी सीएसआर से कंपनी काम कराना चाहती थी,लेकिन पूर्व की सरकार उन्हें मौका नहीं देती है। अब सरकार बदल चुकी है। अब स्कूलों के कायाकल्प पर ध्यान दिया जा रहा है। सीएसआर फंड से काम कराने वाली कंपनी के प्रतिनिधि सीएम से स्कूल के शुभारंभ का समय मांग रहे है। सूत्रों की माने तो सीएम स्कूल का जल्द फीता काट सकते है।

सीएसआर फंड की मदद से हाइटेक सुविधाओं से युक्त स्कूल तैयार होने की कगार पर है। नए सत्र से स्कूल में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। विभाग के दिशा निर्देश के अनुसार स्कूलों को हाईटेक बनाया जा रहा है। करीब नौ करोड़ रुपये से स्कूलों को बना है।

- राहुल पंवार, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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