शेख परिवार की जान बचाने वाले कौन हैं कर्नल तारा? बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन को बताया कुछ देशों की साजिश
Protest in Bangladesh बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों की मौत के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने इस्तीफा देकर भारत आ गईं। फिलहाल वह भारत में ही मौजूद हैं। इन सबके बीच 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध में शेख हसीना के परिवार की जान बचाने वाले नोएडा में रहने वाले कर्नल अशोक तारा ने घटना पर अफसोस जताते हुए कहा कि यह कुछ देशों की साजिश का नतीजा है।
अजय चौहान, नोएडा। (Violent protests in Bangladesh) पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद रविवार को तख्तापलट हो गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना अपने पद से इस्तीफा दे रविवार को भारत पहुंच गई है। इस पूरे घटना क्रम को लेकर 1971 युद्ध में शेख हसीना परिवार की जान बचाने वाले नोएडा सेक्टर-28 निवासी सेवानिवृत्त कर्नल अशोक कुमार तारा (Colonel Ashok Tara) ने अफसोस जताया है। उन्होंने पूरे घटनाक्रम को कुछ देशों की साजिश करारा दिया है।
2012 में बांग्लादेश के सर्वोच्च पुरस्कार फ्रेंड्स आफ लिबरेशन वार आनर्स से सम्मानित हो चुके कर्नल तारा ने 1971 युद्ध के दौरान पाकिस्तान सेना के हमले से शेख परिवार की रक्षा की थी। इसके लिए उन्होंने दो जवानों के साथ जान दांव पर लगाते हुए परिवार को सुरक्षित निकाला था। अशोक चक्र प्राप्त कर्नल अशोक कुमार तारा बताते हैं कि अलग बांग्लादेश की लड़ाई के अगवा शेख हसीना के पिता शेख मुजीब-उर-रहमान के घर के बाहर पाकिस्तानी सेना के जवान पहुंच गए थे।
उनका लक्ष्य इस परिवार को खत्म करना था। इसकी भनक लगते हुए वह अपने दो जवानों के साथ मोर्चे पर पहुंच गए। जैसे ही पाकिस्तनी जवान घर की तरफ बढ़ने की कोशिश करते वह गोली चलाने लगते। तभी उन्होंने पाकिस्तानी जवानों को बताया की उनकी सेना समर्पण कर चुकी है, लेकिन उनको इस बात पर विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने अपने सीनियर सैन्य अधिकारियों से बात करने की बात कही। तब वह घर के गेट पर ही थी।
पाकिस्तान जावन हथियार से लैस थे। ऐसे में उनको घबराहट भी हो रही थी, लेकिन पीछे नहीं हटे थे। मौके पर डटे रहे। लगभग 25 मिनट तक उनका पाकिस्तानी जवानों से वार्ता चलती रही। बीच में पाक कमांडर ने फायरिंग का आदेश भी दिया, लेकिन वह डटे रहे। पाकिस्तानी जवानों से उन्होंने वादा किया कि अगर वह समर्पण कर देते हैं तो उन्हें मुख्यालय तक पहुंचा देंगे। जहां से वो अपने घर जा सकेंगे। तब उनको भी समझ आ गया था। पाक कमांडर के साथ 12 जवान थे। सभी ने समर्पण कर दिया।
शेख हसीना की मां ने बताया बेटे से बढ़कर
उस समय शेख हसीना (Sheikh Hasina) की मां ने उनको अपने बेटे से भी बढ़कर बताया था। शेख हसीना के पिता मुजीब-उर-रहमान के चचेरे भाई ने उन्हें बांग्लादेश का झंडा दिया और उन्होंने उस झंडे को जमीन पर लहरा कर पाकिस्तान के झंडे उखाड़ कर फेंक दिया था। शेख परिवार आज भी उनका अहसान मानता है। यही कारण है कि 2012 में सर्वोच्च पुरस्कार दिया गया तो 2017 भारत दौरे के दौरान शेख हसीना ने कर्नल तारा से भेंट भी की थी।पड़ोसी देश के तौर पर भारत के लिए खराब
बांग्लादेश के वर्तमान हालात को कर्नल अशोक कुमार तारा ने कुछ देशों की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से रविवार को शेख हसीना ने देश छोड़ा और उसके बाद सैन्य प्रमुख ने तख्ता पलट की घोषणा की यह सिर्फ आंतरिक विरोध प्रदर्शन नहीं है। एक पड़ोशी देश के तौर पर बांग्लादेश में जो हालात बन रहे हैं। वह भारत के लिए ठीक नहीं है।यह भी पढ़ें: शेख हसीना की विदाई से टेंशन में क्यों है भारत, पढ़ें बांग्लादेश के साथ कितने बदल जाएंगे रिश्ते
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