कौन है रवि अत्री? पीपर लीक का मास्टरमाइंड, NEET-UG से पहले UP पुलिस भर्ती परीक्षा धांधली में सामने आया था नाम
ग्रेटर नोएडा का रहने वाला रवि अत्री नीट परीक्षा में गड़बड़ी के बाद (NEET-UG) एक बार फिर से सुर्खियों में है। वह फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में मेरठ की जेल में बंद है। अब उसका नाम मेडिकल के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) की गड़बड़ियों में सामने आ रहा है।
अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा का रहने वाला रवि अत्री नीट परीक्षा में गड़बड़ी के बाद (NEET-UG) एक बार फिर से सुर्खियों में है। वह फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में मेरठ की जेल में बंद है। अब उसका नाम मेडिकल के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) की गड़बड़ियों में सामने आ रहा है।
अब रवि अत्री का गांव नीमका का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। पेपर लीक का मास्टरमाइंड रवि अत्री मूलरूप से जेवर के नीमका गांव का रहने वाला है। गांव में महज 10 बीघा जमीन है।
करोड़ों की जमीन खरीदी
वहीं, ग्रामीणों की मानें तो रवि ने अपने मां के पैतृक गांव सौदा हबीबपुर जो कि खुर्जा जंक्शन के समीप है, जहां अकूत संपत्ति बनाई हुई है। कुछ महीनों पहले बुलंदशहर में 20 बीघा जमीन खरीदी है, जिसकी कीमत करोड़ों में है। 2012 में नीट परीक्षा लीक प्रकरण में नाम सामने आने व गिरफ्तारी के बाद उसने ग्रामीणों से दूरी बना ली थी।2012 से गांव नहीं आया रवि
ज्यादातर ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2012 के बाद से उन्होंने उसे गांव में नहीं देखा। वह परिवार के लोगों से भी बहुत कम ताल्लुक रखता था। उसके सगे संबंधियों के होने वाले शादी-समारोह में भी ग्रामीणों ने उसे नहीं देखा। पिछले कुछ सालों से वह नोएडा में रह रहा था। नोएडा में उसका फ्लैट बताया जा रहा है। पिता गोरख सिंह किसान हैं। रवि अत्री तीन भाई हैं।
नहीं की अभी तक शादी
रवि का बड़ा भाई फौज में है, जबकि उसका छोटा भाई मुकेश गांव में ही खेती करता है। रवि अत्री की शादी नहीं हुई है। हालांकि सूत्रों की मानें तो वह पिछले कई सालों से एक लड़की के साथ लिव-इन में रह रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह लड़की भी गिरोह में शामिल है।पहले भी नीट पेपर लीक में आया नाम
2012 में नीट परीक्षा लीक प्रकरण में नाम सामने आने व जेल जाने के बाद उसने गांव में आना बेहद कम कर दिया था। पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए परिवार के लोगों ने भी उससे दूरी बना ली थी। हालांकि ग्रामीणों की माने तो गुपचुप तरीके से वह परिवार के लोगों से मिलने आता था।
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