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एल्विश की गिरफ्तारी में क्यों लगे 136 दिन, ये वाला वीडियो शेयर करना भी एक कारण; क्या हो सकती है 20 साल तक सजा

3 नवंबर 2023 को नामजद एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिस एल्विश यादव को गिरफ्तार करने से बच रही थी। पुलिस को डर था कि कहीं अधूरे साक्ष्यों के साथ एल्विश को गिरफ्तार करना महंगा न पड़ जाए। न्यायालय और उसके समर्थकों से किरकिरी होने का डर नोएडा पुलिस को इस कदर सता रहा था कि एल्विश को गिरफ्तार करने में 136 दिन लगे।

By Gaurav Sharma Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 17 Mar 2024 11:08 PM (IST)
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एल्विश को गिरफ्तार करने में लगे 136 दिन।
जागरण संवाददाता, नोएडा। 3 नवंबर 2023 को नामजद एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिस एल्विश यादव को गिरफ्तार करने से बच रही थी। पुलिस को डर था कि कहीं अधूरे साक्ष्यों के साथ एल्विश को गिरफ्तार करना महंगा न पड़ जाए। न्यायालय और उसके समर्थकों से किरकिरी होने का डर नोएडा पुलिस को इस कदर सता रहा था कि एल्विश को गिरफ्तार करने में 136 दिन लगे।

3 नवंबर 2023 को सेक्टर-51 में सांपों और सर्पविष के साथ पकड़े गए पांच आरोपित।

रंगे हाथ गिरफ्तार पांच तस्करों से एल्विश यादव का रिश्ता जोड़ने में पुलिस ने लंबा समय लिया। मजबूत साक्ष्य और गवाह मिलते ही गिरफ्तारी कर ली।

कोटा में एल्विश को चेकिंग के बाद छोड़ा

मुकदमा दर्ज होने बाद नोएडा पुलिस पर एल्विश यादव को गिरफ्तार करने का दबाव था। लोग आरोप लगा रहे थे कि एल्विश के सिर पर राजनीतिक दलों का हाथ है, इसलिए पुलिस उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। आरोपों को बल तब मिला जब मुकदमा दर्ज होने चंद दिन बाद ही राजस्थान के कोटा में पुलिस ने एल्विश को चेकिंग के दौरान रोक लिया।

साथ ही नोएडा पुलिस को सूचना दी, लेकिन नोएडा पुलिस की ओर से एल्विश के वांछित न होने की बात कही गई। जिसके बाद एल्विश को कोटा पुलिस ने जाने दिया।

हालांकि इसके बाद कोतवाली प्रभारी संदीप चौधरी को हटा दिया गया। साथ ही केस की जांच को कोतवाली सेक्टर-49 से ट्रांसफर करते हुए कोतवाली सेक्टर-20 में कर दिया। निरीक्षक कैलाशनाथ इस मामले की जांच कर रहे थे। अब एल्विश की गिरफ्तारी के बाद वादी गौरव गुप्ता ने नोएडा पुलिस की जांच की सराहना की है।

आरोपितों ने पुलिस के सामने उगले थे कई राज

सांपों की तस्करी और रेव पार्टी को लेकर पिछले वर्ष नवंबर में आरोपितों को रिमांड पर भी लिया गया था। इसके बाद नोएडा पुलिस ने उनसे कई घंटे की पूछताछ की थी, जिसमें आरोपितों की तरफ से कई राज उगले गए थे। आरोपितों ने पूछताछ में पुलिस के सामने स्वीकार किया था कि इन रेव पार्टियों में बीन प्रोग्राम और सांपों का खेल भी करवाया जाता है और इनका कनेक्शन एल्विश और फाजिलपुरिया से भी बताया गया था।

एफएसएल रिपोर्ट ने बढ़ाई एल्विश की मुश्किल

पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए तस्करों से शीशी में बरामद 20 एमएल स्नेक वेनम को जांच के लिए जयपुर स्थित फॉरेंसिक साइंस लैब भेजा था। पिछले माह रिपोर्ट आई थी। जिसमें पता चला था कि बरामद स्नेक वेनम कोबरा की करैत प्रजाति के सांपों का था। साथ ही बरामद सांप का मेडिकल परीक्षण वन विभाग से कराया गया था तो यह सामने आया था कि सांपों की विषग्रंथि निकाली जा चुकी थीं। इसके बाद सपेरों को रिमांड पर लेकर पुलिस ने फरीदाबाद से दो कोबरा बरामद किए थे।

15 दिन तक रिपोर्ट का किया अध्ययन

फरवरी में एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने अध्ययन किया। एफएसल रिपोर्ट और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अध्ययन के बाद कई ऐसे तथ्य निकलकर सामने आए, जिन्होंने एल्विश की मुश्किलें बढ़ाईं। अध्ययन पूरा होने के बाद नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव से दोबारा पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था। साथ ही सवालों की सूची भी तैयार की थी।

पूछताछ में खुद को बताया था निर्दोष

पुलिस ने नवंबर 2023 में नोटिस जारी कर एल्विश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था। कुछ घंटे पूछताछ के बाद एल्विश को जाने दिया। एल्विश ने खुद को निर्दोष बताया था और पुलिस को जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया था। हालांकि पूछताछ से पहले एल्विश ने एक वीडियो जारी किया था। एल्विश ने यूपी पुलिस, प्रशासन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया था कि अगर एक प्रतिशत भी गलती निकली तो वह जिम्मेदारी लेने को तैयार है।

इंटरनेट मीडिया पर पुलिस को दी थी चुनौती

एल्विश यादव ने फॉरेंसिक रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पुलिस को खुली चुनौती दी थी। उसने ने यूट्यूब पर फरवरी में 13 मिनट 34 सेकेंड का वीडियो जारी किया था। इसमें आठ दस लोग एक साथ कमरे में बैठे हुए थे। एल्विश रेव पार्टी में सांपों के जहर सप्लाई करने के मामले में बोल रहा था।

उसने फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि सांपों के जहर को लैब में टेस्ट कराओगे तो जहर ही आएगा। मैं नोएडा की रेव पार्टी में नहीं था। मैं मुंबई में था, हो सकता है मुंबई में कोई नोएडा हो। इसके बाद पुलिस को चुनौती देते हुए कहा था कि सपेरों को रोड से पकड़ लिया। हालांकि, अगले दिन ही एल्विश यादव ने यू टर्न लेते हुए यूपी पुलिस को अच्छा बताया था।

एनडीपीएस की धाराएं बढ़ीं, 20 साल तक की सजा

सांपों के जहर सप्लाई करने व विष कारोबार करने के आरोप में एल्विश के खिलाफ पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत कई धाराएं बढ़ाई हैं। इनमें एनडीपीएस 8, 20, 27, 27ए, 29, 30, 32 धाराएं शामिल हैं। इनके तहत अगर एल्विश दोषी पाया जाता है तो 20 साल तक की सजा हो सकती है। उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। एनडीपीएस की धारा-27ए एल्विश को सबसे अधिक परेशान कर सकती है।

रेव पार्टियों में ऐसे इस्तेमाल होता सांप का जहर

सांप के जहर से K-72 और K-76 तैयार होता है। 500 मिली जहर से पाउडर बनाया जाता है, जिसका इस्तेमाल एक हजार लीटर शराब में किया जा सकता है। जानकारों के मुताबिक, एक चुटकी K-72 और K-76 की कीमत 20 हजार से 25 हजार रुपये तक होती है। शराब के एक पैग में एक चुटकी K-72 या K-76 पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है।

कथित ऑडियो में आया था एल्विश का नाम

प्रकरण सामने आने के बाद इंटरनेट मीडिया पर एक आडियो भी प्रसारित हुआ था। आडियो को सांप लाने वाले गिरोह के साथ राहुल और संस्था के कर्मी के बीच हुई बातचीत का बताया गया था। जिसमें 11 सांपों को लाने की मांग की जाती है। शुरुआत में राहुल 31 हजार रुपये मांगता है, लेकिन बाद में एल्विश यादव का नाम आने पर 21 हजार रुपये में सौदा तय हो जाता है। आडियो में कथित रूप से राहुल नामक युवक बताता है कि एल्विश यादव नोएडा में उसे स्टूडियो पर अक्सर सांपों के साथ बुलाते हैं। पार्टी के दौरान कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

इंटरनेट मीडिया पर छाई एल्विश की गिरफ्तारी

रविवार दोपहर एल्विश की गिरफ्तारी होते ही मामला इंटरनेट मीडिया के विभिन्न माध्यमों पर चर्चा का विषय बन गया। एक्स पर एल्विश यादव और नोएडा पुलिस दोनों ही देर शाम तक ट्रेंड करते रहे। एल्विश के समर्थक व आलोचकों में इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस भी देखने को मिली। कई बड़े सेलिब्रिटी ने भी इस मामले पर पोस्ट की। एल्विश के हिरासत में लिए जाने का वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर खूब प्रसारित हुआ। लोग नोएडा पुलिस व उत्तर प्रदेश सरकार की जमकर प्रशंसा करते हुए दिखे। एल्विश यादव के कई डायलाग को ही लोगों ने उनके ऊपर तंज बनाकर प्रयोग किया।

15 मिनट में पूरी हो गई मेडिकल जांच प्रक्रिया

एल्विश को कोर्ट में पेश करने से पूर्व पुलिस मेडिकल जांच के लिए सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में लेकर पहुंची। एल्विश को अस्पताल लाने से पूर्व कई पुलिसकर्मी इमरजेंसी में पहुंच गए थे। पुलिसकर्मियों के जमावड़े को देख एक बार स्वास्थ्यकर्मी यह नहीं समझ पाए कि कौन आने वाला है, लेकिन करीब साढ़े तीन बजे जब एक एसयूवी में पुलिस एल्विश को लेकर पहुंची तो स्वास्थ्यकर्मियों को समझते देर न लगी कि पुलिस एल्विश को मेडिकल जांच के लिए लेकर आई है। अस्पताल की इमरजेंसी में मौजूद डा सुधीर ने मेडिकल जांच की प्रक्रिया को 15 मिनट में पूरा किया। इसके बाद पुलिस एल्विश को लेकर रवाना हो गई।

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