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नोएडा में डिप्रेशन से हर 24 घंटे में एक आत्महत्या, एक्सपर्ट से जानें आखिर क्यों बढ़ रहे हैं खुदकुशी के केस?

World Suicide Prevention Day 2023 औद्योगिक नगरी नोएडा में औसतन प्रत्येक दिन खुदकुशी का एक मामला पुलिस तक पहुंचता है। दो से तीन लोग खुदकुशी का प्रयास करते हैं। खुदकुशी करने वालों में कामगार वर्ग के पुरुष अधिक है। शहर में आत्महत्या के 70 प्रतिशत मामलों की वजह आर्थिक तंगी और गृहक्लेश है। कोरोना काल के बाद युवा और छात्र भी आत्मघाती कदम उठा रहे हैं।

By MOHD BilalEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Sun, 10 Sep 2023 12:28 PM (IST)
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World Suicide Prevention Day: नोएडा में डिप्रेशन से हर 24 घंटे में एक आत्महत्या
नोएडा, जागरण संवाददाता। अनमोल जीवन पर अवसाद के कुछ घंटे भारी पड़ रहे हैं। औद्योगिक नगरी में पोस्टमार्टम हाउस की रिपोर्ट माने तो अवसाद और निराशा के कारण शहर में 24 घंटे में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। लेकिन जिले में आत्महत्या से पूर्व लोगों की काउंसिलिंग के लिए मन कक्ष नहीं है।

कम होने की बजाय बढ़ रहा खुदकुशी का ग्राफ

स्वास्थ्य विभाग भी इसको लेकर गंभीर नहीं है। शहर में आत्महत्या के 70 प्रतिशत मामलों की वजह आर्थिक तंगी और गृहक्लेश है। बेरोजगारी और प्रेम में निराशा भी एक कारण है। कोरोना काल के बाद युवा और छात्र भी आत्मघाती कदम उठा रहे हैं। प्रत्येक माह खुदकुशी का ग्राफ कम होने के बजाय बढ़ रहा है।

किस उम्र के लोग सबसे ज्यादा करते हैं खुदकुशी?

जिले में औसतन प्रत्येक दिन खुदकुशी का एक मामला पुलिस तक पहुंचता है। दो से तीन लोग खुदकुशी का प्रयास करते हैं। खुदकुशी करने वालों में कामगार वर्ग के पुरुष अधिक है। खुदकुशी करने वालों में सबसे ज्यादा 19 से 40 वर्ष की आयु के पुरुष है।

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वहीं ज्यादातर महिलाओं ने घर में क्लेश के कारण जान दी। क्योंकि उनके पति शराब पीने, घर में खर्चा नहीं देते के साथ मारपीट करते थे। खुदकुशी के मामलों में बच्चे और बुजुर्ग भी पीछे नहीं है।

मानसिक डॉ. तनुजा अग्रवाल कहना है कि मन कक्ष में मानसिक रोगियों की काउंसिलिंग की जाती है। लेकिन जिला अस्पताल में मन कक्ष नहीं है। अस्पताल की मानसिक रोग ओपीडी में ऐसे मरीजों की काउंसलिंग की जाती है। काउंसिलिंग, स्कोरिंग के बाद मरीजों की दवा दी जाती है।

ज्यादातर मामले में व्यक्ति दोस्त, मां-बाप, रिश्तेदार व किसी करीबी से आत्महत्या के विचार जरूर प्रकट करता है। इसे गंभीरता से लेने चाहिए। गुमसुम रहना, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, आत्महत्या की बातें, एकाएक नशे का सेवन करना, बात-बात पर गुस्सा, निराशा भरी बातें करना आत्महत्या से पूर्व के लक्षण हैं। ऐसे व्यक्ति को अकेले न छोड़े।

आत्महत्या की प्रमुख वजह

गंभीर बीमारी, आर्थिक कमजोरी, तलाक, दहेज, प्रेम संबंध, वैवाहिक अड़चन, घरेलू कलह, कर्ज, गरीबी, बेरोजगारी, परीक्षा में असफलता।

आत्महत्या का विचार आए तो इन बातों का रखे ध्यान

  • जिंदगी के प्रति संतुलित नजरिया रखें।
  • अपनी गलतियों से सीखें, हमेशा खुश रहें।
  • जिंदगी में निराशा दिखने पर डाक्टर से सलाह लें, मानसिक रोग विशेषज्ञ से काउंसिलिंग कराएं।

सितंबर में हुए आत्महत्या के मामले 

1-18 वर्ष आयु- 2

19-40 वर्ष आयु- 28

41-90 वर्ष आयु- 4

कुल महिला- 4

कुल पुरुष- 30

जहरखुरानी- 4

फंदा लगाकर खुदकुशी- 28

बहुमंजिला इमारत से छलांग लगाकर- 2

अवसाद, चिंता के कारण खुदकुशी के मामले बढ़े हैं। जरूरी है कि लोग सतर्क रहे। परिवार में किसी के लक्षण दिखे तो तुरंत काउंसिलिंग के लिए अस्पताल पहुंचे।

- डॉ. सुनील अवाना, मानसिक रोग विशेषज्ञ व आइएमए अध्यक्ष नोएडा

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