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YEIDA: किसानों को मिल सकती है खुशखबरी, बैठक में अहम प्रस्तावों पर लगेगी मुहर; क्या बिल्डरों पर होगा एक्शन?

YEIDA यमुना प्राधिकरण Yamuna Authority की गुरुवार को दूसरी बैठक होने वाली है। इस बैठक में 26 प्रस्ताव बोर्ड की स्वीकृति के लिए रखे जाएंगे। इनमें कई अहम प्रस्ताव भी शामिल हैं जिनके मंजूर होने पर किसानों को बड़ी खुशखबरी मिलेगी। वहीं बिल्डरों पर भी कार्रवाई को लेकर फैसला हो सकता है। पढ़िए यीडा की बैठक में क्या-क्या प्रस्ताव रखे जाएंगे।

By Arvind Mishra Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 25 Sep 2024 07:45 PM (IST)
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यमुना प्राधिकरण की दूसरी बोर्ड बैठक कल होगी। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। चालू वित्त वर्ष में यमुना प्राधिकरण YEIDA की दूसरी बोर्ड बैठक गुरुवार को होगी। चेयरमैन अनिल सागर की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में 26 प्रस्ताव बोर्ड की स्वीकृति के लिए रखे जाएंगे।

Yamuna Authority प्राधिकरण की पहली छमाही में राजस्व प्राप्ति और खर्चों से बोर्ड को अवगत कराने के अलावा हुडको से 10 हजार करोड़ रुपये ऋण के लिए हुए अनुबंध का प्रस्ताव जानकारी के लिए रखा जाएगा। एयरपोर्ट के नजदीक कन्वेंशन सेंटर के निर्माण पर भी बोर्ड की स्वीकृति ली जाएगी।

ये हैं अहम प्रस्ताव

अहम प्रस्ताव में सुरक्षा रियलटी को लेकर नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के आदेश को स्वीकार करते हुए घर खरीदारों के लिए परियोजना का कार्य पूरा कराने और यमुना एक्सप्रेस वे से प्रभावित 10 हजार किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा की पहली किस्त का वितरण करने, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को गाजियाबाद से जोड़ने के लिए नमो भारत रैपिड रेल कॉरिडोर निर्माण के लिए प्राधिकरण की अंशधारिता तय करने का प्रस्ताव भी शामिल है।

बिल्डरों पर कार्रवाई को लेकर हो सकता है फैसला

मथुरा के राया में हेरिटेज सिटी परियोजना की संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी, आवंटियों को निर्माण के लिए अतिरिक्त समय देने के अलावा अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए आवेदन न करने वाले बिल्डरों पर कार्रवाई को लेकर भी बोर्ड फैसला कर सकता है।

नोएडा एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल को यमुना एक्सप्रेस Yamuna Express वे से जोड़ने के लिए 30 मीटर सड़क का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से कराने, औद्योगिक व संस्थागत भूखंडों की आवंटन नीति को स्वीकार करने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है।

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नई नीति के तहत 10 हजार वर्गमीटर तक के औद्योगिक भूखंडों का आवंटन नीलामी और इससे बड़े आकार के भूखंडों का आवंटन साक्षात्कार से करने की नीति लागू हो जाएगी। इसके बाद औद्योगिक भूखंड योजना निकालने का रास्ता साफ हो जाएगा।

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