Noida Authority: यीडा की आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया वाला हाल, छह महीनों में कमाई से ज्यादा हुआ खर्च
Noida Authority News यमुना प्राधिकरण के वित्तीय वर्ष के छह महीने पूरे होने को हैं। पहली छमाही में यीडा को 982.51 करोड़ रुपये की राजस्व की प्राति हुई। वहीं अगर खर्च की बात करें तो 1301 करोड़ रुपये हुए हैं। इस साल प्राधिकरण को सबसे अधिक राजस्व ग्रुप हाउसिंग योजना से मिला प्राप्त हुआ है। पढ़ें कहां से कितना पैसा मिला।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। वित्तीय वर्ष के छह माह बीत चुके हैं। साल की पहली छमाही में यमुना प्राधिकरण को 982.51 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, लेकिन इन छह महीनों के दौरान प्राधिकरण के खर्च राजस्व से अधिक हो गए।
प्राधिकरण ने साल की पहली छमाही में 1301 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. इसका अधिकांश हिस्सा भूमि अधिग्रहण पर खर्च होता है. अधिग्रहीत भूमि का उपयोग प्राधिकरण द्वारा वर्तमान और भविष्य की परियोजनाओं के लिए किया जाएगा।
यमुना प्राधिकरण में औद्योगिक निवेश समेत विभिन्न भूमि परियोजनाओं से आय तो बढ़ ही रही है, साथ ही इससे जुड़े खर्च भी बढ़ रहे हैं। प्राधिकरण ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए करीब दस हजार करोड़ का बजट स्वीकृत किया था। इसका राजस्व 999224.26 लाख और व्यय 995720.73 लाख है। वित्तीय वर्ष समाप्त हो चुका है.
1 अप्रैल से 20 सितंबर तक 982.51 करोड़ का राजस्व
1 अप्रैल से 20 सितम्बर तक प्राधिकरण का राजस्व एवं व्यय अगली बोर्ड बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा। इसके तहत 1 अप्रैल से 20 सितंबर तक प्राधिकरण को 982.51 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि के राजस्व से 708 करोड़ अधिक है।
इस साल अथॉरिटी को सबसे ज्यादा राजस्व ग्रुप हाउसिंग स्कीम से मिला है। इस श्रेणी में प्राधिकरण को 446 करोड़ रुपये मिले हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में ग्रुप हाउसिंग श्रेणी से सिर्फ 31 करोड़ रुपये मिले थे. उद्योग से 270 करोड़, वाणिज्यिक से 10.14 करोड़, संस्थागत से 63 करोड़ और आवासीय से 114 करोड़।
जहां तक खर्चों की बात है तो राजस्व बढ़ने के साथ खर्चे बढ़े हैं। 1 अप्रैल से 20 सितंबर तक अथॉरिटी ने 1301 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इसमें से 799 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च किये गये हैं. पिछले वित्तीय वर्ष में इस अवधि में 362 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे. विकास कार्यों पर 210 करोड़ के मुकाबले 214 करोड़, एयरपोर्ट पर 164 करोड़ के मुकाबले 204 करोड़ खर्च किये गये.
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