कथित जमीन अधिग्रहण मामले में यमुना अथॉरिटी को झटका, HC ने किसानों के हक में दिया फैसला
Yamuna Authority को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने यमुना अथॉरिटी को सेक्टर 11 में किसानों की जमीन खरीदे या अधिगृहीत किए बगैर लगाई तार की बाड़ हटाने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने जेवर तहसील के गांव रबूपुरा के किसान धर्मेंद्र कुमार व आठ अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
विधि संवाददाता, प्रयागराज/ग्रेटर नोएडा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी गौतमबुद्धनगर के सेक्टर 11 में प्रस्तावित फिल्म सिटी के लिए किसानों की खेती की जमीन खरीदे या अधिगृहीत किए बगैर तार की बाड़ लगाकर की गई घेराबंदी को हटा लेने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने जेवर तहसील के गांव रबूपुरा के किसान धर्मेंद्र कुमार व 8 अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
जमीन की कीमत को लेकर नहीं बनी सहमति
याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया ने बहस की। इनका कहना है कि अथारिटी ने फिल्म सिटी के लिए जमीन खरीदने की किसानों से बातचीत शुरू की। किंतु कीमत को लेकर सहमति नहीं बन सकी। तो किसानों ने जमीन का बैनामा नहीं किया।और न ही सरकार ने अधिग्रहण किया है।इसके बावजूद यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी ने खेतों को तार के बाड़ से घेराबंदी कर ली है। फिल्म सिटी योजना में फिल्म निर्माता बोनी कपूर, आशीष भूटानी ग्रुप भी शामिल हैं। सैकड़ों एकड़ जमीन में फिल्म सिटी बनाने की योजना है।
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