योगी सरकार ने लिफ्ट व एस्केलेटर को लेकर जारी किया बड़ा आदेश, ये हैं नियम और शर्तें
Noida News लिफ्ट व एस्केलेटर स्वामी के लिए एक जरूरी खबर है। योगी सरकार ने लिफ्ट व एस्केलेटर को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार नियमों का उल्लंघन करने पर लिफ्ट व एस्केलेटर स्वामी के खिलाफ कार्रवाई होगी। बताया गया कि जिलाधिकारी के पास शासनादेश आ गया है। जिसमें डीएम की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में सोसायटीज, सेक्टर सहित बड़े मॉल, कार्यालयों में लिफ्ट व एस्केलेटर की सुरक्षा, अनुरक्षण, संचालन के लिए उत्तर प्रदेश लिफ्ट और एस्केलेटर नियमावली 2024 को 25 सितंबर 2024 से प्रभावी कर दिया गया है। इसको लेकर डीएम के पास शासनादेश आ गया है। इसमें डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
इस समिति में संबंधित विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, एडीएम वित्त एवं राजस्व, नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग, सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा को संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है। यह सदस्य लिफ्ट व एस्केलेटर संबंधित अनुरक्षण, सुरक्षा व संचालन को लेकर हो रही गतिविधियों, किसी दुर्घटना पर समुचित कार्रवाई की रिपोर्ट डीएम को देंगे।
दैनिक जागरण ने सुरक्षा को लेकर किया था खबर का प्रकाशन
दैनिक जागरण ने मंगलवार के अंक में लिफ्ट की सुरक्षा को लेकर खबर का प्रकाशन किया था कि शासनादेश जारी न होने से कार्रवाई नहीं हो पा रही है। प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण की तरफ से 25 सितंबर 2024 को जारी शासनादेश में नियम नौ में प्रविधान किया गया है कि लिफ्ट, एस्केलेटर से संबंधित दुर्घटना लागबुक अनुरक्षित करने की व्यवस्था की जिम्मेदारी संचालक की होगी।यह लाग बुक आधिकारिक तौर पर स्थानीय सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा या अधिकारिता वाले किसी अन्य विद्युत निरीक्षक या स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट या एसडीएम या जिला मजिस्ट्रेट की तरफ से अधिकृत किसी कार्यकारी अधिकारी के मांगे जाने पर इसे देना होगा। गठित की गई पांच सदस्यीय समिति की त्रैमासिक बैठक की जाएगी।
यह है शासनादेश
उत्तर प्रदेश लिफ्ट और एस्केलेटर नियमावली 26 फरवरी 2024 को अधिनियम लागू किया गया था। वहीं 18 जुलाई 2024 को अधिसूचना जारी की गई। शासनादेस में प्रमुख रूप से हर लिफ्ट व एस्केलेटर स्वामी को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। अधिनियम की धारा-10 में प्रदेश में पहले से ही संचालित लिफ्ट, एस्केलेटर का अधिनियम लागू होने के छह माह के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया है।यह भी पढ़ें- 'छिन जाता है जीवनसाथी चुनने का अधिकार', बाल विवाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणीनियम सात के अंतर्गत निर्देश दिए गए हैं कि लिफ्ट और एस्केलेटर के निर्माण कमीशनिंग एजेंसी की तरफ से रजिस्ट्रेशन कराए जाने की व्यवस्था की गई है। इनका वार्षिक अनुरक्षण एजेंसी की तरफ से कराए जाने की व्यवस्था दी गई है। साथ ही इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बरतने पर विलंब शुल्क का प्रविधान है।
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