UP News: भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, धनाराघाट रोड से मुझा तक सड़क बनवाने को पैरवी
तराई के गांवों को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग शारदा सागर डैम होकर उत्तराखंड से जुड़ा है। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने लैहारी जंगल के बीच कच्चे भाग को पक्का बनवाने की मांग को लेकर वर्ष 2019 में आंदोलन किया था। जिसमें राजस्थान के समाजसेवी शमशेर सिंह ने भूख हड़ताल कर आंदोलन को धार दी थी। तब सांसद मेनका गांधी के आश्वासन पर आंदोलन को खत्म किया गया था।
By Devendrda DevaEdited By: riya.pandeyUpdated: Fri, 15 Dec 2023 02:45 PM (IST)
संवाद सहयोगी, कलीनगर। पूरनपुर धनाराघाट रोड़ से मुझा होकर तराई के दर्जन भर गांवों को उत्तराखंड तक जोड़ने वाले मार्ग को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनवाने की पैरवी की गई है। क्षेत्रीय प्रधानों तथा पंचायतों के अन्य जनप्रतिनिधियों ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव से इस बाबत मांग की। इस पर राष्ट्रीय सचिव ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस मार्ग का निर्माण स्वीकृत किए जाने का आग्रह किया है।
तहसील अंतर्गत तराई के दर्जनों गांवों के लोगों का लैहारी जंगल मार्ग से ही पूरनपुर आना जाना होता है। जंगल के बीच वाला भाग कच्चा होने से बरसात के दिनों में काफी परेशानी होती है। तराई के किसान इसी रोड से धान,गेहूं पूरनपुर मंडी बेचने को जाते हैं। वहीं तराई के गन्ना सेंटरों से गन्ने का उठान करने वाले ट्रक इसी मार्ग से आते जाते हैं।
अब तक नहीं बनी सड़क
तराई के गांवों को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग शारदा सागर डैम होकर उत्तराखंड से जुड़ा है। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने लैहारी जंगल के बीच कच्चे भाग को पक्का बनवाने की मांग को लेकर वर्ष 2019 में आंदोलन किया था। जिसमें राजस्थान के समाजसेवी शमशेर सिंह ने भूख हड़ताल कर आंदोलन को धार दी थी। तब सांसद मेनका गांधी के आश्वासन पर आंदोलन को खत्म किया गया था। हालांकि अब तक सड़क नहीं बन सकी।क्षेत्र की सरनजीत कौर, बलजीत कौर, संतोष कुमार, पवनदीप कौर,खान सिंह आदि प्रधानों और समाजसेवी जसवंत सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मंजिदर सिंह सिरसा को पत्र देकर धनाराघाट से लैहारी जंगल मार्ग होकर उत्तराखंड सीमा तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनवाने की मांग की है। उन्होंने क्षेत्रीय लोगों की मांग को उचित मानते हुए सीएम योगी को पत्र भेजकर सड़क निर्माण की स्वीकृति देने का आग्रह किया है।
जसवंत सिंह के अनुसार, लैहारी जंगल के अंदर रास्ता काफी चौड़ा है। नाम मात्र ही पेड़ कटने की मंजूरी मिलने पर पक्का रोड बनने पर लोगों को लाभ मिलेगा।
प्रधान संतोष कुमार के अनुसार, लैहारी मार्ग में करीब डेढ़ किमी जंगल पड़ता है। इसके बनने से सभी को काफी फायदा मिलेगा।कम समय में उत्तराखंड पहुंचना होगा।प्रधान मनप्रीत सिंह का कहना है कि जंगल के अंदर रास्ता कच्चा होने से तराई क्षेत्र वासियों को काफी परेशानी होती है। पक्का रोड बनने से क्षेत्र का विकास होगा।
यह भी पढ़ें - यूपी के इस जिले में हाईवे तो बना दिया चकाचक, मगर कर दी यह एक बड़ी गलती- लोग हो रहे परेशानप्रधान खान सिंह के अनुसार, बाइफरकेशन वाला ही एक मात्र पक्का रोड है। दूरी अधिक होने से लोग लैहारी वाले रास्ते से आते जाते हैं। इसके बनने से काफी सुविधा मिलेगी।
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