यूपी में पराली जलाने पर किसानों पर जुर्माना, पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ भी होगा बंद
पीलीभीत में पराली जलाने पर किसानों पर 2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही दोषी किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के लाभ से भी वंचित किया जाएगा। एसडीएम देवेंद्र सिंह ने बताया कि यदि कोई किसान दोबारा पराली जलाते हुए पाया जाता है तो उसका असलहा लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा और प्राथमिकी दर्ज की जाएगी ।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत। जनपद में सैटेलाइट से प्राप्त बुलेटिन संख्या 28 से लोकेशन पर फसल अवशेष (पराली) जलाने की घटना सामने आई। राजस्व एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों ने मौके का स्थलीय सत्यापन किया। सत्यापन के समय कृषक चरनजीत कौर पत्नी सौदागर सिंह एवं सुरेंद्र सिंह पुत्र अवतार सिंह निवासी नदहा तहसील कलीनगर द्वारा अपने खेत पर फसल के अवशेषों को जलाना पाया गया।
फसल अवशेष जलाने पर कृषक पर तहसील प्रशासन की ओर से ढाई हजार रुपये जुर्माना वसूला गया। कलीनगर के एसडीएम देवेंद्र सिंह के अनुसार दोषी कृषकों की पीएम किसान सम्मन निधि के साथ-साथ विभिन्न विभागों की योजनाओं के लाभ से वंचित किया जाएगा।
यदि जनपद के कृषक परली जलाने में दोषी पाए जाते हैं तो उनका असलहा लाइसेंस निरस्त करते हुए प्राथमिकी लिखाई जाएगी। उन्होंने समस्त कृषकों से अपील की कि धान की कटाई के उपरांत पराली जलाएं नहीं बल्कि उससे खाद बनाएं । अपनी पराली को नजदीकी गोशाला में दान कर सकते हैं।
खेत में जलाई पराली, सैटेलाइट ने लिया पकड़
अमरोहा: सैटेलाइट के जरिए जिले में पराली जलाने का पहला मामला पकड़ा गया है। पता चलने के बाद गांव पहुंची टीम ने जांच की और महिला किसान पर पर्यावरण क्षति के रूप में ढाई हजार रुपये जुर्माना लगाया। यह जुर्माना किसान को भू-राजस्व के रूप में जमा करना होगा।
तहसील क्षेत्र के गांव ढकिया में भूरी बेगम पत्नी अरकान ने बीती रात खेत में पराली जलाई थी। आग की गर्मी व धुआं को सैटेलाइट ने पकड़ लिया। इसके बाद अधिकारियों को कार्रवाई के लिए सूचित किया गया। इस पर उपनिदेशक कृषि डा.रामप्रवेश ने तुरंत प्राविधिक सहायक मोहित कुमार व राजस्व लेखपाल गौरव कुमार की संयुक्त टीम गठित की और जांच के लिए भेज दिया। टीम ने गांव में जाकर पड़ताल की।
इसमें भूरि के खेत में पराली जली पाई। लेकिन, उसके खेत का रकबा दो एकड़ से कम था। उपनिदेशक कृषि के मुताबिक- पराली जलाकर प्रदूषण करने के मामले को संजीदगी से लिया गया है और किसान पर ढाई हजार रुपये जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई है।
उन्होंने किसानों को चेताया है कि पराली जलाकर प्रदूषण न फैलाएं। यदि कोई पकड़ा जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भले ही पराली जलाने का यह पहला मामला हो लेकिन, पिछले साल भी इस तरह के प्रकरण सामने आए थे।
पराली के अलावा गन्ना की पत्ती के अवशेष जलाए गए थे। जिसमें अधिकारियों ने जांच कराने के बाद संबंधित दो किसानों पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की थी। अन्य किसानों को ऐसा न करने के लिए चेताया था।यह है क्षतिपूर्ति देयदो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपये प्रति घटना।दो से पांच एकड़ के लिए 5000 रुपये प्रति घटना।पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15 हजार रुपये प्रति घटना।अपराध की पुनरावृत्ति करने पर दोबारा अर्थदंड से दंडित करना।