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UP News: डीएम कार्यालय के पूर्व स्टैनो पर डेढ़ लाख रिश्वत लेने का आरोप, पीड़ित ने SP से की कार्रवाई की मांग

Pilibhit Latest News जिलाधिकारी कार्यालय में स्टैनो के पद पर रहे एक कर्मचारी पर 17 लाख रुपये का बकाया भुगतान दिलाने के एवज में डेढ़ लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगा है। रिश्वत देने के बाद भी जब भुगतान नहीं मिला तो पीड़ित ने शिकायत की। इस पर पूर्व स्टैनों ने रकम वापस देने के साफ इन्कार कर दिया।

By Devendrda Deva Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 24 Dec 2023 01:55 PM (IST)
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डीएम कार्यालय के पूर्व स्टैनो पर डेढ़ लाख रिश्वत लेने का आरोप, पीड़ित ने SP से की कार्रवाई की मांग
जागरण संवाददाता, पीलीभीत। जिलाधिकारी कार्यालय में स्टैनो के पद पर रहे एक कर्मचारी पर 17 लाख रुपये का बकाया भुगतान दिलाने के एवज में डेढ़ लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगा है। रिश्वत देने के बाद भी जब भुगतान नहीं मिला तो पीड़ित ने शिकायत की। इस पर पूर्व स्टैनों ने रकम वापस देने के साफ इन्कार कर दिया। इस मामले में अब पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर मामले की जांच कराने और आरोपित के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

शहर के निकटवर्ती गांव खपरैल गौंटिया निवासी धर्मेंद्र वर्मा ने एसपी को भेजे प्रार्थना पत्र में कहा कि वर्ष 2018 में जिला स्वच्छता समिति एवं स्वच्छ भारत मिशन मैनेजमेंट के निर्देश पर विकास खंड स्तरीय पंच सम्मेलन का आयोजन उन्होंने कराया था। इस आयोजन पर 17 लाख की धनराशि व्यय हुई थी।

रुपये वापस लौटाने से किया इन्कार

पंच सम्मेलन पर हुए खर्च की समस्त धनराशि का भुगतान जल्दी कराने की बात कहकर जिलाधिकारी कार्यालय में तत्कालीन स्टैनो धर्मेंद्र कुमार ने डेढ़ लाख रुपये रिश्वत में ले लिए। काफी समय बीत जाने के बाद भी जब उसे भुगतान प्राप्त नहीं हुआ तो वह तत्कालीन स्टैनो से फिर मिला। पूर्व स्टैनो काफी समय तक टालमटोल करते रहे। इस बीच उनका तबादला बीसलपुर तहसील में पेशकार के पद पर हो गया।

तब उन्होंने पूर्व स्टैनों से अपने डेढ़ लाख रुपये वापस मांगे। इस पर पूर्व स्टैनो ने रुपये लौटाने से साफ इन्कार करते हुए एससीएसटी एक्ट के तहत झूठे मुकदमे में फंसा देने की धमकी दी। उधर, आरोपित पूर्व स्टैनो धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि उन पर रिश्वत लेने का लगाया जा रहा आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। ऐसा कुछ नहीं हुआ है। अगर कुछ होता तो शिकायत करने वाला इतने साल तक चुप नहीं बैठा रहता।

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