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हैलो! मैं पीलीभीत SP का पीआरओ बोल रहा हूं, डरे सहमे डॉक्टर ने खाते में डाल दिए कई हजार रुपये

डाक्टर ने झांसे में आकर 10 हजार रुपये गूगल पे खाते में डाल दिए थे। एएसपी के अनुसार आरोपित पर जिला लखीमपुर खीरी में विभिन्न अपराधों के आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। आरोपित को गिरफ्तार करने वाली टीम में साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार यादव दारोगा जगदीप मलिक हेड कांस्टेबिल अनुज कुमार अरुण कुमार कांस्टेबिल अंकित कुमार नसीम अहमद व तरुण कुमार शामिल रहे।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sat, 27 Jul 2024 07:13 PM (IST)
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पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

जागरण संवाददाता, पीलीभीत : पुलिस अधीक्षक का पीआरओ बनकर एक डाक्टर के साथ धोखाधड़ी करके धनराशि ठगने के आरोपित को साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिस मोबाइल का ठगी में उपयोग किया गया, उसे भी पुलिस ने बरामद कर लिया है।

पूरनपुर में ब्लाक रोड निवासी डा. मोहम्मद यूसुफ जमाल ने पिछले दिनों साइबर थाने में प्राथमिकी लिखाई थी। इसमें बताया कि फोन काल के माध्यम से उनसे 10 हजार रुपये की ठगी कर ली गई।

बताया कि उनके पास एक अज्ञात पुलिस अधिकारी बनकर अपने मोबाइल से रुपयों की मांग की। जिस उन्होंने झांसे में आकर गूगल पे पर 10 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। आरोपित के मोबाइल नंबर व ट्रांसफर की गई रकम का डिटेल प्राप्त कर जांच की गई तो अभिषेक शुक्ला का नाम सामने आया।

वाट्सएप ग्रुप पर पता चला था घटना का 

शनिवार को अपर पुलिस अधीक्षक विक्रम दहिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरी घटना का राजफाश किया। उन्होंने बताया कि आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह लखीमपुर खीरी जिले गोलागोकर्ण नाथ के मुहल्ला कुम्हारन टोला का निवासी है।

पूछताछ में आरोपित ने बताया कि विगत 15 जुलाई को वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उसे जानकारी हुई थी कि पूरनपुर में एक डाक्टर के अस्पताल में इलाज के दौरान एक बच्चे की मृत्यु हो गई थी। जिसमें उस बच्चे के स्वजन ने अस्पताल में काफी हंगामा किया था। पुलिस ने बच्चे के स्वजन को समझाकर मामला शांत करा दिया था।

डॉक्टर को ठगने के लिए बनाया था प्लान

अस्पताल के डाक्टर के खिलाफ मुकदमा नहीं लिखा गया था। तब उसने डाक्टर का मोबाइल नंबर लेकर काल किया। डाक्टर से कहा कि वह पुलिस अधीक्षक पीलीभीत का पीआरओ बोल रहा हूं। डाक्टर का मसला निपटाने के बदले उसने पार्टी करने एवं पुलिस अधीक्षक को गिफ्ट देने का झूठ बोलकर रुपयों की मांग की थी।

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