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लखनऊ से पीलीभीत जाना हुआ आसान, अब आएंगे केवल 2 घंटे में- सीएम योगी ने शुरू की हेलीकॉप्टर सेवा- इतने रुपये है किराया

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यह जानदकारी दी है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी द्वारा दुधवा नेशनल पार्क कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के चूका जैसे ईको टूरिज्म स्थलों पर सुगम आवागमन हेतु हेली सेवाएं प्रारम्भ करने के निर्देश दिए गए थे। बता दें कि लखनऊ से लखीमपुर खीरी पहुंचने के बाद अब पीलीभीत पहुंचने में भी पर्यटकों को काफी आसानी हो जाएगी।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Fri, 22 Nov 2024 04:57 PM (IST)
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हेलीकाप्टर यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति मात्र 5,000 रुपए किराया देने होंगे।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने वाले पर्यटकों के लिए राज्य सरकार ने हेलीकाप्टर सेवा शुरू करने की तैयारी की है। यह सेवा लखनऊ से लखीमपुर खीरी के दुधवा पार्क के बीच शुरू होगी। हेलीकॉप्टर के संचालन के लिए 25 नवंबर, 2024 की तिथि निर्धारित की गयी है।

बता दें कि अभी तक लखनऊ से दुधवा सड़क मार्ग से जाने वाले पर्यटकों को साढ़े चार घंटे का समय लगता था, हेली सर्विस शुरू होने पर यह यात्रा घटकर मात्र एक घंटे रह जाएगी। हेलीकॉप्टर से यात्रा के लिए पर्यटकों को पांच हजार रुपए प्रति व्यक्ति किराए का भुगतान करना होगा। कल देर रात मेसर्स जेटसर्व एविएशन पर्यटन लिमिटेड के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कराया गया।

पर्यटन मंत्री बोले- समय की होगी बचत

 

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यह जानदकारी दी है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी द्वारा दुधवा नेशनल पार्क, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के चूका जैसे ईको टूरिज्म स्थलों पर सुगम आवागमन हेतु हेली सेवाएं प्रारम्भ करने के निर्देश दिए गए थे। बता दें कि लखनऊ से लखीमपुर खीरी पहुंचने के बाद अब पीलीभीत पहुंचने में भी पर्यटकों को काफी आसानी हो जाएगी।

25 नवंबर से होगी शुरूआत

इसी क्रम में आगामी 25 नवंबर 2024 से चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, लखनऊ से राजकीय हवाई पट्टी पलिया तक हवाई सेवा का शुभारंभ होना प्रस्तावित है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश का प्रमुख टाइगर रिजर्व दुधवा टाइगर रिजर्व का कोर जोन 884 वर्ग कि.मी. में स्थापित है।

इसकी ख्याति न केवल देश में है, बल्कि विदेशों में भी है। दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में विद्यमान विभिन्न प्रकार के बेशकीमती वृक्ष, लता, पौधे, घास, बाघ, तेंदुआ, भालू, हाथी गैंडा, हिरण, सरीसृप, पक्षी व अन्य जीव जंतु इसकी आभा की अभिव्यक्ति स्वयं करते हैं।

काफी संख्या में आते हैं विदेशी पर्यटक

इस राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता की अलौकिकता, इसके मनोहारी दृश्यों से स्वनेत्रों को अभिसिंचित करने हेतु घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटक यहां प्रतिवर्ष आते रहते हैं। दुधवा एक तरफ मोहाना नदी एवं दूसरी तरफ शारदा नदी जैसी विशालकाय नदियों से आच्छादित है।

दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश का एकमात्र ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है, जहां प्रथम गैंडा पुनर्वास केन्द्र अपनी सफलता के चरमोत्कर्ष पर पहुँचने के उपरान्त द्वितीय गैण्डा पुनर्वास केन्द्र का प्रारम्भ कराया जा चुका है।

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