सांसद वरुण गांधी बोले- मैंने ना कमीशन खाया और ना ही खाने दिया, कहा- जो पहले मोटरसाइकिल चलाते थे अब वह...
सांसद ने कहा चुनाव में आप जिनको जिताते हो वह लोग आपके हक पर हाथ डाल देते हैं और मनमानी करते हैं। ऐसे लोग भ्रष्टाचार शुरू कर देते हैं। सलाह दी कि ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। तंज किया कि कुछ नेता ऐसे हैं जिनके पास पहनने के कपड़े नहीं थे आज वह बड़ी-बड़ी कालोनियां काट रहे हैं।
By Devendrda DevaEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Mon, 21 Aug 2023 10:03 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : Varun Gandhi सांसद वरुण गांधी ने कहा कि वह ईमानदारी की राजनीति करते हैं। राजनीति में न कमीशन खाया और न ही किसी को खाने दिया। जन संवाद कार्यक्रमों में लोगों से कहा कि आप इसकी तुलना बहुत सारे स्थानीय नेताओं के साथ करके देख सकते है। जिनको मौका मिलता है, वह अपनी जेबें इस कदर भरते हैं कि उनके जीवन में अंतर आसानी से देख सकते हैं।
अपने दौरे के दूसरे दिन क्षेत्र के गांवों में आयोजित जन संवाद कार्यक्रमों में बोलते हुए सांसद ने इशारों इशारों में अपने राजनीतिक विरोधियों पर प्रहार किए। कहा कि ऐसे लोग जो पहले मोटरसाइकिल चलाते थे, वह बड़ी गाड़ियों से चलने लगते हैं। सांसद ने कहा कि वह पैसे और ताकत को पूंजी नहीं मानते, आशीर्वाद और प्रतिष्ठा को ताकत मानते हैं। कहा कि आपके और हमारे पूर्वजों ने मिलकर स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी ताकि हमको किसी के सामने घुटने न टेकना पड़े।
बोले कि वह राजनीति में कुछ बनने के लिए नहीं, अच्छा करने के लिए आए हैं। भ्रष्टाचार ने आज राजनीति को अंदर तक खोखला कर दिया है। कहा कि जो काम के नाम पर कमीशन लेते हैं, वे लोग आपके बच्चों का हक छीन रहे हैं। बोले- वरुण गांधी और मेनका गांधी के बारे में कोई राजनीतिक प्रतिद्वंदी भी नहीं कह सकता कि कभी भी एक रुपया खाया है। हमेशा जनहित के मुद्दों पर लड़ता आ रहा हूं। चाहे किसान आंदोलन हो, बेरोजगारी या अग्निवीर का मुद्दा, जिससे उन्हें लगे कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ हो।
सांसद ने कहा हमारे देश को ऐसे लोगों की जरूरत है, जो पूरी तरह से ईमानदार हों। लोगों के मुद्दों पर बोलने वाले हो। हर किसी की भलाई करें लेकिन दुर्भाग्य है कि ऐसे लोग बहुत कम हैं। बगैर किसी का नाम लिए कहा कि हमारे देश में सिर्फ चाटुकारिता और चमचागिरी करने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। कोई भी असली मुद्दों पर बात नहीं करना चाहता है। सिर्फ लोगों को लड़ाने, भड़काने, धमकाने का काम करते हैं।
सांसद ने कहा चुनाव में आप जिनको जिताते हो, वह लोग आपके हक पर हाथ डाल देते हैं और मनमानी करते हैं। ऐसे लोग भ्रष्टाचार शुरू कर देते हैं। सलाह दी कि ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। तंज किया कि कुछ नेता ऐसे हैं, जिनके पास पहनने के कपड़े नहीं थे, आज वह बड़ी-बड़ी कालोनियां काट रहे हैं। सवाल किया कि आखिर यह सब कहां से हो रहा है। जो लोग झोपड़ियों में रहते थे, उन्होंने बड़े-बड़े आश्रम बना लिए हैं।
कहा कि वह शायद देश के अकेले सांसद हैं, जो अपने पैसों से लोगों की मदद करते हैं। कोविड के दौरान सबसे भयानक मंजर था। कोरोना के दौरान जितने लोगों की शाहजहांपुर, लखीमपुर, बदायूं, बरेली में मृत्यु हुई, पीलीभीत में उससे बहुत कम लोगों की जान गई।क्योंकि ज़ब कोरोना हुआ तो सरकार ने बाद में खाने का वितरण और दवाइयां दी, आक्सीजन भी बहुत देर बाद उपलब्ध हो सकी। जिसकी वजह से लोगों ने अपनी जान गवाई, लेकिन पीलीभीत में सब कुछ समय पर मिला। उन्होंने अपने पैसों से आक्सीजन से लेकर दवाएं और भोजन की व्यवस्था कराई। अपनी बेटी का फिक्स्ड डिपाजिट तोड़कर लोगों की मदद की।
सांसद ने कहा कि हमें दो हिंदुस्तान नहीं चाहिए। जिसमें अमीरों को सारे अवसर प्राप्त हों और गरीबों के हिस्से में सिर्फ संघर्ष हो। बोले कि वह संघर्ष के खिलाफ नहीं हैं पर चाहते हैं कि ऐसा हिंदुस्तान बने जिसमें सबको पूरे-पूरे अवसर की प्राप्ति हो।कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि जीवन में अच्छे समय हर कोई साथ देता है, लेकिन जो बुरे समय में लोगों की मदद करे वही मानवता है। सांसद ने अर्जुनपुर, कासिमपुर, गोवल पतिपुरा, नीवादांडी, मिघौना, खरगापुर, बौनी, दौलतपुर, अहिरबाड़ा, चुर्रा सकतपुर आदि गांवों में जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। साथ ही लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान सांसद सचिव कमलकांत, सांसद प्रतिनिधि राजेश सिंह, शिवेन्द्र शुक्ला, नरेंद्र प्रताप, अचल दीक्षित, बंटी गुप्ता, राजेश मिश्रा, प्रकाश शर्मा, भरत शर्मा, प्रमोद गुप्ता, धर्मेंद्र गगूजर, अनमोल सिंह, रामपाल गुप्ता आदि प्रतिनिधि एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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