Move to Jagran APP

Pilibhit Tiger Reserve : मन की बात में पीएम मोदी ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व का किया जिक्र, बाघमित्रों का बढ़ाया उत्साह

विश्व प्रकृति निधि के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार के अनुसार जब भी कहीं से यह सूचना आती है कि जंगल से निकलकर बाघ खेतों या आबादी के आसपास पहुंच गया तो उस क्षेत्र का बाघमित्र तुरन्त मौके पर जाकर ग्रामीणों को वहां से दूर हटाते हैं। इसके बाद वन विभाग के लोग बाघ को वापस जंगल में पहुंचाने की कार्रवाई के लिए सक्रिय हो जाते हैं।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 28 Jul 2024 06:49 PM (IST)
Hero Image
पीएम मोदी ने मन की बात में बाघमित्रों के काम की सराहना की है।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में इस बार पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बाघमित्र परियोजना की खूब सराहना की।

बाघों के संरक्षण में जन भागीदारी पर आधारित इस परियोजना के बेहतर परिणामों पर भी प्रधानमंत्री इसे महत्वपूर्ण बताया। इससे बाघमित्रों का हौसला बढ़ा है। बाघमित्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने उनके प्रयासों को बाघ संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण माना है। ऐसे में अब वे दोगुणा उत्साह के साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष में कमी लाने के लिए कार्य करेंगे।

2014 में टाइगर रिजर्व किया गया था घोषित

तराई के इस जिले में प्राकृतिक जंगलों को वर्ष 2014 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। उसके बाद वर्ष 2017 में जिले में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में एकाएक काफी बढ़ोत्तरी हो गई थी। इस पूरे साल में जनपद के विभिन्न स्थानों पर जंगल से बाहर मानव वन्यजीव संघर्ष में दो दर्जन से अधिक लोगों की जान चली गई। इसके अगले ही साल ग्रामीणों की ओर से घेराबंदी करके किए गए हमले में एक बाघिन की मृत्यु हो गई थी।

माला रेंज में भी हुई बाघ की मौत

एक अन्य बाघ की मृत्यु माला रेंज में हुई। तब बाघों के संरक्षण के लिए कार्य करने वाली संस्था विश्व प्रकृति निधि की ओर से मानव-वन्यजीव संघर्ष में कमी लाने के साथ ही बाघों के समुचित संरक्षण के लिए बाघमित्र परियोजना वर्ष 2019 में शुरू हुई। इस परियोजना के तहत जंगल किनारे गांवों के जागरूक युवकों की टीम तैयार कर उन्हें बाघमित्र का प्रशिक्षण दिया। वर्तमान में 120 बाघमित्रों की प्रशिक्षित टीम जंगल के निकट बसे गांवों में ग्रामीणों को जागरूक करने का कार्य कर रही है।

बाघमित्र कर रहे बेहतरीन काम 

बाघमित्र परियोजना लागू हो जाने के बाद मानव-वन्यजीव संघर्ष में काफी कमी आई। शासन में भी इस परियोजना को सराहा गया। अन्य टाइगर रिजर्व में भी इसे लागू करने की तैयारी शुरू हो गई। वर्तमान में दुधवा बफर जोन, दक्षिण खीरी वन प्रभाग, कर्तनिया घाट वन्यजीव विहार व अमानगढ़ में भी इसे लागू कर दिया गया। बाघमित्रों के कार्य की सराहना प्रधानमंत्री ने जब मन की बात कार्यक्रम में की तो उनका उत्साह काफी बढ़ा है। इस परियोजना को और मजबूत किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : International Tiger Day 2024: शिकार पर अंकुश और अधिवास प्रबंधन से VTR में बढ़ रहे बाघ, 50 के पार पहुंची संख्या

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।