UP: अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस रद करने पर भड़के वरुण गांधी, डिप्टी CM को पत्र लिख कह दी ये बात
अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किए जाने के मामले में कांग्रेस के बाद अब भाजपा सांसद वरुण गांधी ने नाराजगी जताई है। वरुण ने इस मामले में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र लिखा है। वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक इस मामले में पहले ही सफाई दे चुके हैं कि लापरवाही के चलते अस्पताल का पंजीकरण रद किया गया है।
पीलीभीत, जेएनएन। अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किए जाने के मामले पर सांसद वरुण गांधी ने कड़ी नाराजगी जताई है। इस सिलसिले में सांसद ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र लिखकर उक्त कार्रवाई पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
सासंद ने शुक्रवार को एक्स (ट्वीटर) पर उक्त पत्र को अपलोड कर लिखा है कि गहन जांच के बिना, अमेठी में संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस का त्वरित निलंबन उन सभी व्यक्तियों के साथ अन्याय है, जो न केवल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बल्कि अपनी आजीविका के लिए भी संस्थान पर निर्भर हैं।
जबकि जवाबदेही महत्वपूर्ण है, यह जरूरी है कि निष्पक्षता और निष्पक्षता के सिद्धांतों को बरकरार रखा जाए। उत्तर प्रदेश सरकार से पत्र के जरिये उक्त निर्णय पर पुनर्विचार की मांग करता है। आशा है कि हमारे नागरिकों की चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच निर्बाध बनी रहे, जबकि सरकार एक पारदर्शी जांच सुनिश्चित करती है जो तत्काल चिंताओं को संबोधित करती है, और किसी भी प्रणालीगत मुद्दे की पहचान करती है, उसे ठीक करती है जिसने दुर्भाग्यपूर्ण घटना में योगदान दिया हो।
The swift suspension of the Sanjay Gandhi Hospital's license in Amethi, without a thorough investigation, is an injustice to all individuals who depend on the institution not only for primary healthcare services but also for their livelihoods.
While accountability is crucial, it… pic.twitter.com/9TJNcrIkvd
सांसद ने पत्र में लिखा है कि उक्त अस्पताल का शिलान्यास पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1962 में किया था। यह कई दशकों अमेठी और इसके पड़ोसी जिलों में लोगों की स्वास्थ्य देखभाल सहायता के एक डृढ़ स्तंभ के रूप में खड़ा रहा है। इसके लाइसेंस के निलंबित किए जाने के निर्णय से स्वास्थ्य देखभाल पहुंच, रोजगार और शिक्षा पर दूरगामी असर पड़ेगा।
इसके अलावा यह अस्पताल सालाना 600 नर्सिंग और 200 पैरामेडिक छात्रों को प्रशिक्षण देकर स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा में सराहनीय भूमिका निभाता है। स्पष्टीकरण का कोई अवसर दिए बिना अस्पताल के लाइसेंस को एकतरफा तौर निलंबित करना चिंता पैदा करता है। यह कार्रवाई पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।
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