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Pilibhit News : कौन है पुनीत, जिन्होंने संजाेया चिड़ियों का अनोखा संसार, कैमरे में कैद की 400 प्रजातियां

Pilibhit Bird News कोविड महामारी के दौरान जब इंसानों चहल पहल थी तब चिड़ियों की आवाज सुनी तो पुनीत धमेजा का शौक परवान चढ़ गया। उन्होंने अपनी बालकनी से ही वर्ड वाचिंग शुरु कर दी। इसके बाद उन्हाेंने चिड़ियाें का संसार कैमरे में कैद कर लिया।

By Jagran NewsEdited By: Ravi MishraUpdated: Fri, 18 Nov 2022 12:47 PM (IST)
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Pilibhit News: कौन है पुनीत, जिन्होंने संजाेया चिड़ियों का अनोखा संसार, कैमरे में कैद की 400 प्रजातियां साै़जन्य से पुनीत
 पीलीभीत, जागरण संवाददाता। Pilibhit Bird News : साल 2020 में जब कोविड महामारी का दौर आया तो पूरे देश में लाकडाउन लग गया। वातावरण एकदम शांत। इंसानी गतिविधियां घरों तक सिमटकर रह गईं। सड़कों पर ट्रैफिक का शोर भी गायब। ऐसे वातावरण में जब पुनीत धमेजा ने कुछ चिड़ियों की आवाज सुनी तो अपने घर की बालकनी से बर्ड वाचिंग (Bird Watching) शुरू कर दी।

शहर की अशोक कालोनी निवासी पुनीत धमेजा (Puneet Dhameja) वैसे तो स्कूल संचालक हैं लेकिन फोटोग्राफी का भी उन्हें काफी शौक है। पुणे में पढ़ाई के दौरान उन्होंने फोटोग्राफी का भी कोर्स किया था। लाकडाउन के दौर में फोटोग्राफी का उनका शौक परवान चढ़ा।

जागरण से बातचीत में पुनीत बताते हैं कि वर्ष 2020 के लाकडाउन ने लोगों को बहुत सारे शौक पैदा करवा दिए। जैसे काफी लोग साइकिल चलाने लगे। कुछ लोगों ने कविताएं लिखना शुरू कर दीं। यही वह समय था, जब उन्होंने फोटोग्राफी को दोबारा शुरू किया। उस दौरान लाकडाउन की वजह से शहर में इंसानों की चहल पहल नहीं थी।

सड़कों पर ट्रैफिक का कोई शोर भी नहीं था। ऐसे शांत माहौल में खाली चिड़ियों की आवाज आती थी। बस, वहीं से मन में ख्याल आया तो घर की बालकनी से बर्ड वाचिंग शुरू की। वह बताते हैं कि भारत में चिड़ियों की 13100 प्रजाति हैं। जिनमें से 400 प्रजाति पीलीभीत टाइगर रिजर्व में और उसके आसपास मिलती हैं।

ठंड के मौसम में तराई के इस जिले में साइबेरियन पक्षियों का आगमन होता है। यहां तक कि पहाड़ के पक्षी जो ज्यादा ठंड नहीं सह सकते हैं, वे तराई क्षेत्र में उतर आते हैं।

कैद की दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियां

ऐसी कुछ दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियों में रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, ब्लैक हेडेड गल, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब, साइबेरियन रुबीथ्रोट और पैराडाइज फ्लाई कैचर आदि शामिल हैं। बर्ड वाचिंग एक ऐसा कार्य है। जिसमें घूमने का बहुत मौका मिलता है। जैसे-जैसे क्षेत्र बदलता है, वैसे वैसे चिड़िया भी बदलती हैं।

उन्होंने बताया कि बीते 3 वर्षों में 400 से ज्यादा प्रजाति देख चुके हैं। सारस क्रेन जो कि उत्तर प्रदेश का राज्य पक्षी है, वह भी यहां काफी संख्या में देखा जाता है।

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