Pratapgarh: मुहर्रम को लेकर कुंडा में पुलिस की सख्ती, राजा भैया के पिता घर में नजरबंद; जानिए क्यों है तनाव
Muharram कुंडा के शेखपुर आशिक गांव में मुहर्रम हर साल चर्चा का विषय बना रहता है। साल 2013 से शुरू हुआ विवाद अभी तक जारी है। इसी विवाद को देखते हुए पुलिस ने पहले ही एक्शन लिया है। जिलाधिकारी के आदेश पर विधायक तथा पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के पिता उदय प्रताप सिंह समेत 13 लोगों को नजरबंद कर दिया है।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 29 Jul 2023 10:11 AM (IST)
कुंडा, जागरण संवाददाता। शेखपुर आशिक गांव में मुहर्रम के मद्देनजर जिलाधिकारी के आदेश पर विधायक तथा पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के पिता उदय प्रताप सिंह समेत 13 लोगों को नजरबंद कर दिया है। नजरबंद किए गए लोगों में जितेंद्र सिंह, आनंदपाल, रमाशंकर मिश्र, भवानी विश्वकर्मा, रवि सिंह ,हनुमान प्रसाद पांडेय, केसरी नंदन पांडेय जमुना मौर्या, निर्भय सिंह, गया प्रसाद प्रजापति, मोहनलाल, जुगनू विश्वकर्मा हैं। सभी के घरों पर पुलिस का पहरा है।
पाबंद लोग शुक्रवार शाम 5:30 बजे से शनिवार की रात 9:30 बजे तक पुलिस की निगरानी में रहेंगे। कोतवाल कमलेश पाल ने बताया कि पाबंद लोगों के हर क्रियाकलाप पर नजर रखी जा रही है। कुंडा का शेखपुर आशिक गांव प्रयागराज-लखनऊ हाईवे पर है।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
मुहर्रम आते ही पिछले कुछ वर्षों से बवाल की आशंका में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दी जाती है। इस बार भी ऐसा है। वर्ष 2013 में विवाद शुरू हुआ था। इस साल गांव में एक बंदर की 10वीं मुहर्रम पर गोली मारे जाने से मौत हो गई थी। जहां मौत हुई थी वहां हनुमानजी का मंदिर बना दिया गया। वर्ष 2014 पूजा-पाठ हुआ था बाकी कोई अन्य कार्यक्रम नहीं हुआ।वर्ष 2015 में भदरी किला निवासी उदय प्रताप सिंह ने पूजापाठ के साथ ही 10 वीं मुहर्रम पर भंडारे का आयोजन शुरू करा दिया। वर्ष 2015 में भंडारा हुआ और 10वीं मुहर्रम पर ताजिया निकला। अगले साल यानी 2016 में भंडारे की वजह से ताजियादारों ने ताजिया उठाने से इनकार कर दिया। इससे खलबली मच गई। दूसरे दिन अफसरों ने किसी तरह ताजिया दफन कराया।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
वर्ष में 2017 झंडों की गिनती तक हुई। भंडारे पर रोक लगा दी गई। उदय प्रताप सिंह ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक की शरण ली। कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट को विवेक से निर्णय लेने का आदेश दिया। भंडारा बंद हो गया, लेकिन मुहर्रम पर लगने वाली चांदनी (गेट) और झंडे को लेकर विवाद जारी रहा। यह 2019 में सुलझा। अब शेखपुर में सड़क पर बने गेट को लेकर विवाद की स्थिति बनती है।राजा भैया के पिता नजरबंद
इस साल अब तक गेट नहीं बनाया गया है। चर्चा है कि इस बार दो दर्जन से अधिक ताजियादार शेखपुर आशिक गांव का ताजिया नहीं उठने पर अपना ताजिया नहीं उठाएंगे। इस संबंध में लोग कुछ भी कहने से बच रहे हैं। इन सभी विवादों को देखते हुए राजा भैया के पिता उदय प्रताप समेत 13 लोगों को नजरबंद कर दिया गया है।
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