सादगी व ईमानदारी की मिसाल थे बाबू राम किकर
रमेश त्रिपाठी प्रतापगढ़ पट्टी से पांच बार विधायक और बाराबंकी से दो बार सांसद रहे बाबू र
By JagranEdited By: Updated: Sun, 13 Feb 2022 11:12 PM (IST)
रमेश त्रिपाठी, प्रतापगढ़ : पट्टी से पांच बार विधायक और बाराबंकी से दो बार सांसद रहे बाबू राम किकर ईमानदारी व सादगी की मिसाल थे। तभी तो वह अपना खुद का मकान तक नहीं बनवा सके। गांव में अभी भी उनका मकान जर्जर हाल में है। हालांकि गांव में उनके घर अब कोई नहीं रहता। उनके दो बेटे हैं। एक प्रतापगढ़ शहर था दूसरे दिल्ली में रहते हैं।
प्रतापगढ़ जिले के सदर तहसील क्षेत्र के सराय रजई गांव के रहने वाले राम किकर ने कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। वह जिले के वरिष्ठ राजनीतिज्ञ रहे पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय के संपर्क में आए और 1952 से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। पट्टी विधानसभा से किकर को 1952 में कांग्रेस से टिकट मिला। इस चुनाव में वह जीते। इसके बाद 1957, 1962, 1967 तथा 1970 में पट्टी विधानसभा सीट से चुनाव जीतते रहे। एमडीपीजी कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. एएन त्रिपाठी बताते हैं कि वह प्रदेश सरकार में तीन बार मंत्री रहे। इसके बाद 1977 चौधरी चरण सिंह ने उन्हें बाराबंकी से चुनाव लड़ाया और वह विजयी हुए। इसके बाद 1980 में एक बार फिर वह बाराबंकी से सांसद हुए। उन्होंने अपने दायित्वों का सिर्फ जनता के लिए निर्वहन किया, खुद के लिए कुछ भी नहीं बनाया। पैतृक गांव में उनका मकान आज भी बदहाल पड़ा है। वहां अब कोई नहीं रहता। बाबू राम किकर के छोटे बेटे अशोक किकर दिल्ली में रहते हैं वह मासिक पत्रिका खेल टुडे में कार्य कर रहे हैं। अशोक ने बताया कि उनके बड़े भाई संतोष किकर शहर के अजीत नगर में रहते हैं। बाबू जी ने कह रखा था कि तुम लोग किसी की सिफारिश करोगे तो वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।