सपा नेता इंद्रजीत सरोज दोषमुक्त, राजा भैया के मानहानि केस वापस लेने के बाद कोर्ट का फैसला
कोर्ट ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज को कुंडा विधायक राजा भैया पर की गई टिप्पणी के मामले में दोषमुक्त करार दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान इंद्रजीत सरोज ने राजा भैया पर कई विवादित बयान दिए थे जिसके चलते राजा भैया ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। हालांकि अब दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक गतिरोध समाप्त हो गया है।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज को कुंडा विधायक राजा भैया पर टिप्पणी किए जाने के मामले में कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। सरोज को एमपी-एमएलए कोर्ट प्रतापगढ़ ने दोषमुक्त किया है। बता दें कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान इंद्रजीत सरोज ने राजा भैया पर टिप्पणी की थी।
2022 में हुई थी बयानबाजी
जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया पर विधानसभा चुनाव 2022 में कुंडा की चुनावी जनसभाओं में सपा के स्टार प्रचारक के तौर पर इंद्रजीत ने व्यक्तिगत बयानबाजी कई मंचों से की थी। इस पर राजनीतिक गलियारे में काफी चर्चा हुई थी। माहौल काफी गरमा गया था। इंटरनेट मीडिया पर इसकी प्रतिक्रिया भी होने लगी थी। उनके बयानों से आहत रघुराज ने पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज पर मानहानि का परिवाद कोर्ट में अपने अधिवक्ता के जरिए दायर कर दिया था।
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इंद्रजीत सरोज को कोर्ट ने किया दोषमुक्त
इसके बाद लोकसभा चुनाव में दोनों का राजनीतिक गतिरोध समाप्त होने लगा। इसके बाद इस परिवाद के वादी रघुराज प्रताप की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर उक्त परिवाद को निरस्त किए जाने का अनुरोध किया गया था। कोर्ट में परिवाद की सुनवाई हुई व मुकदमा समाप्त करने मांग पर विचार किया गया।16 नवंबर को कोर्ट ने फैसला दिया
वादी पक्ष की ओर से परिवाद वापस लेने की इच्छा पर पर कोर्ट ने शनिवार को निर्णय दिया। वादी पक्ष की इच्छा व अनुरोध को स्वीकार करते हुए एमएपी-एमएलए कोर्ट की एसीजेएम मीनाक्षी यादव ने पूर्व मंत्री मंझनपुर के मौजूदा सपा विधायक इंद्रजीत सरोज को दोषमुक्त करार दे दिया।
यहां उल्लेखनीय बात यह है कि लोकसभा चुनाव 2024 में सपा ने जब इंद्रजीत के बेटे पुष्पेंद्र सरोज को कौशांबी से उम्मीदवार बनाया तो रघुराज की पार्टी ने पुष्पेंद्र की मदद करते हुए उनकी जीत में योगदान दिया। यहां भाजपा अपनी सीट हार गई।बता दें कि समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव और मंझनपुर विधायक इंद्रजीत सरोज ने लोकसभा चुनाव 2024 में अपने बूते ही जिले में कमल के फूल को फिर से मुरझा दिया था। जबकि कमल को खिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को छोड़कर यहां एनडीए के कई दिग्गज मंत्रियों और नेताओं ने आकर सभाएं की थीं, लेकिन विपक्षी धुरंधरों पर वह भारी पड़ गए। लोकसभा चुनाव में अपने बेटे को जीत दिलाकर उन्होंने इस बात को साबित भी कर दिया।
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